एयरस्ट्राइक के एक महीने बाद, जर्नलिस्ट की टीम को घटनास्थल पर ले गई पाक आर्मी
एयरस्ट्राइक के एक महीने बाद, जर्नलिस्ट की टीम को घटनास्थल पर ले गई पाक आर्मी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की एयरस्ट्राइक के एक महीने बाद पाकिस्तान की आर्मी पत्रकारों की एक टीम को घटना स्थल पर लेकर गई। पत्रकारों की इस टीम को 28 मार्च को यहां पर ले जाया गया था। हालांकि इस टीम में केवल चुने हुए 8 पत्रकार थे। इस टीम के माध्यम से पाकिस्तान ने ये दिखाने की कोशिश की कि बालाकोट में हवाई हमले वाली जगह पर कोई नुकसान नहीं हुआ। सरकारी सूत्रों के हवाले से ये बात कही जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि 28 मार्च को लगभग 10 बजे पाकिस्तान की सेना 8 पत्रकारों की टीम को लेकर बालाकोट में एयरस्ट्राइक वाली जगह पर लेकर गई। ये टीम यहां पर करीब 03.30 बजे तक रुकी। सभी को एमआई हैलिकॉप्टर में बिठाकर उस जगह तक पहुंचाया गया था। लगभग 6 एकड़ की उस जगह पर 4 एकड़ का इलाका तारपॉलीन से कवर किया हुआ था। पाकिस्तान आर्मी के फ्रंटियर कॉर्प के 100 से ज्यादा कमांडो को इस जगह की सुरक्षा में तैनात किया गया है। इस इलाके में अभी भी जैश-ए-मोहम्मद का एक मदरसा है जिसमें 300 से ज्यादा बच्चे हैं। पाक सेना के साथ गई पत्रकारों की टीम की इन बच्चों से मुलाकात करवाई गई। इस टीम ने इसका वीडियो भी बनाया।
हालांकि, पाकिस्तान का यह कदम सवालों के घेरे में आ गया है। ऐसे इसलिए क्योंकि पाकिस्तानी आर्मी ने पत्रकारों की टीम को केवल वही चीजें दिखाई जो वो दिखाना चाहती थी। 6 एकड़ की इलाके में से 4 एकड़ को तारपॉलीन से कवर करना दिखाता है कि पाकिस्तान की आर्मी कुछ छिपाने की कोशिश कर रही है। दरअसल बालाकोट की एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान लगातार बोल रहा है कि एयरस्ट्राइक से उसके यहां कोई नुकसान नहीं हुआ है। इसी झूठ को सच साबित करने के लिए एयरस्ट्राइक के एक महीने बाद वह अपने प्रायोजित मीडिया को बालाकोट के आतंकी शिविर तक ले गया ताकी दुनिया को वही दिखा सके जो वह दिखाना चाहता है।
बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तान की धरती पर पल रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप्स को तबाह कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भी भारतीय वायु सीमा में घुसकर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उसकी इस कशिश को इंडियन एयफोर्स ने नाकाम कर दी थी।