बड़ा खुलासा: चंद्रमा के साउथ पोल को लेकर नासा की स्टडी ने चौंकाया, भारत के चंद्रयान लैंड कराने वाली जगह को लेकर किया बड़ा दावा
- चंद्रयान लैंड कराने वाली जगह को लेकर नासा ने किया बड़ा खुलासा
- चंद्रमा के साउथ पोल को लेकर नासा की स्टडी ने चौंकाया
- पिछले साल भारत ने साउथ पोल पर चंद्रयान को कराया था लैंड
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। भारत ने पिछले साल चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान को लैंड कराया था। अब नासा भी अगले कुछ सालों में आर्टेमिस अंतरिक्ष यात्रियों को यहीं उतारने की तैयारी में है। इस बीच एक स्टडी की गई है। जिसमें बताया गया है कि जहां चंद्रयान को उतारा गया था, वहां के हालात नाजुक है। यह क्षेत्र इस वक्त भूकंप से भी प्रभावित है। यह स्टडी नासा के सहयोग से की गई है। जिसमें यह बात सामने आई है। यह अध्ययन स्टडी प्लैनेटरी साइंस जॉर्नल में प्रकाशित हुई है। अध्ययन में जानकारी दी गई है कि यह क्षेत्र भूकंपीय रूप से एक्टिव पाया गया है। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि चंद्रमा सिकुड़ रहा है।
इस अध्ययन को वॉशिंगटन के स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन के टॉम वैटर्स ने लीड किया है। अध्ययन में बताया गया है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भूकंप के गंभीर झटके लगने की संभावना है। साथ ही, यह भी बताया गया है कि भूकंप के पीछे की बड़ी वजह मौजूदा फॉल्ट्स या नए थ्रस्ट फॉल्ट हो सकते हैं। स्टडी में बताया गया है कि लगातार भूकंप के झटके से ही चंद्रमा सिकुड़ रहा है। बता दें कि, नासा के लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर (एलआरओ) ने मून क्रस्ट में हजारों छोटे, युवा थ्रस्ट फॉल्ट का पता लगाने में अहम भूमिका निभाई है।
स्टडी में बताया गया है कि चंद्रमा पर सबसे तगड़ा झटका दक्षिणी पोलर क्षेत्र में लगा है। इसके बारे में अपोलो पैसिव सेस्मिक नेटवर्क ने बताया है। अब नासा यह जानकारी लगाने में जुटा है कि चंद्रमा पर इस वक्त ऐसी कितनी गतिविधियां हो रही हैं। टीम ने चंद्रमा के दक्षिण-ध्रुवीय क्षेत्र में सतह ढलानों की स्थिरता का भी आकलन किया। स्टडी के मुताबिक, कुछ क्षेत्रों में मामूली भूकंपीय गतिविधि के साथ भी रेजोलिथ भूस्खलन का खतरा हो सकता है। स्टडी ने बताया है कि यहां बर्फ हो सकता है।