भारत-मालदीव विवाद: भारतीय सैनिकों को मालदीव से बाहर करने में कामयाब हुई मुइज्जू सरकार! जानिए फैसले का दूसरा पहलू

  • शुक्रवार को भारत-मालदीव की उच्च स्तरी बैठक हुई
  • मुख्य रूप से जवानों को वापस बुलाने पर चर्चा
  • 'पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानों' पर बनी आपसी सहमति

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-03 04:56 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मालदीव से भारतीय सैनिकों को बाहर करने की मुइज्जू सरकार की कोशिशें पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाई। दोनों देशों के बीच दिल्ली में हुए एक उच्च स्तरीय बैठक में भारतीय सैनिकों को मालदीव से वापस लाने पर सहमति बनी। हालांकि, राष्ट्रपति मुइज्जू पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाए क्योंकि, सैनिकों को बुलाने के बाद भारत वहां पर सिविलियंस की तैनाती करेगा। इसका मतलब यह है कि सैनिक मालदीव से बाहर आ जाएंगे लेकिन विमानन प्लेटफॉर्म्स के संचालन के लिए प्रशिक्षित सिविलियंस को तैनात किया जाएगा।

बैठक में बनी सहमति

शुक्रवार को दिल्ली में दोनों देशों के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में दोनों देश के बीच भारतीय सैनिकों को मालदीव से वापस भारत बुलाने पर सहमति बनी। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने बैठक के बाद कहा कि मालदीव में तीन विमानन प्लेचफॉर्म में तैनात अपने सैन्यकर्मियों को भारत बदलेगा। इस प्रक्रिया का पहला चरण 10 मार्च तक पूरा करने पर सहमति बनी है। आपको बता दें कि दिल्ली में दोनों देशों के बीच कोर समूह की बैठक शुक्रवार को संपन्न हुई। इस बैठक में मुख्य रूप से सैन्यकर्मियों को वापस भारत बुलाने पर चर्चा हुई।

बैठक के बाद भारत की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मालदीव के साथ भारतीय विमानन प्लेटफॉर्मों के संचालन को जारी रखने के लिए 'पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानों' पर आपसी सहमति बनी है। इससे पहले भारत को मुइज्जू सरकार ने 15 मार्च तक अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा था। इसी विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच दिल्ली में शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया।

मई तक सभी सैनिक होंगे वापस

दोनों देशों के बीच हुए उच्चस्तरीय बैठक के बाद एक बयान में कहा गया, 'दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत सरकार 10 मार्च तक तीन विमानन प्लेटफार्मों में से एक में सैन्य कर्मियों को बदल देगी और बाकी बचे दो प्लेटफॉर्मों से सैनिकों को 10 मई 2024 तक हटा लिया जाएगा।' आपको बता दें कि फिलहाल मालदीव में करीब 80 सैन्यकर्मी हैं जो एक विमान और मुख्य रूप से दो हेलीकॉप्टर संचालित करते हैं। इससे मालदीव में मानवीय सहायता और चिकित्सा सेवाएं दी जाती है। अगली बैठक मालदीव के सुविधानुसार तय की गई तारीख पर मालदीव की राजधानी माले में होगी। जानकारी के मुताबिक, सैन्यकर्मियों को हटाकर भारत मालदीव में सिविलियंस को तीन विमानन प्लैटफॉर्म संचालन के लिए तैनात करेगी।

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