भारत-मालदीव विवाद: मोहम्मद मुइज्जू ने फिर अलापा 'इंडिया आउट' का राग, भारत को दिया सेना हटाने का अल्टीमेटम
- दोनों देशों के बीच बढ़ती जा रही तल्खी
- मुइज्जू ने एक बार फिर साधा भारत पर निशाना
- सेना को हटाने के लिए 15 मार्च तक का दिया अल्टीमेटम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद से ही भारत और मालदीव के बीच तनातनी जारी है। इस बीच अपनी पांच दिवसीय चीन यात्रा से वापस लौटे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत को लेकर तीखी बयानबाजी कर रहे हैं। जिससे साबित होता है कि उसके ऊपर चीन का हाथ है। शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने भारत का नाम लिए कटाक्ष करते हुए कहा था कि हमें छोटा समझकर कोई धमका नहीं सकता। मालदीव किसी की संपत्ति नहीं है। इसके बाद आज उन्होंने दोबारा भारत पर निशाना साधा है। राष्ट्रपति मुइज्जू ने एक बार फिर भारतीय सेना को अपने देश से हटाने की मांग की है। बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मालदीव में इस समय 88 भारतीय सैनिक मौजूद हैं।
दिया अल्टीमेटम
न्यूज एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत से डिमांग की है कि वो अपनी सेना को मालदीव से हटा ले। इसके साथ ही उसने भारत को ऐसा करने के लिए दो महीने यानी 15 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया है। बता दें कि इससे पहले पिछले साल नवंबर में भी मालदीव ने भारत के सामने यही मांग रखी थी।
ऐसे हुई विवाद की शुरूआत
भारत और मालदीव के बीच विवाद की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर हुई थी। तब मालदीव के नेताओं ने पीएम मोदी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी। हालांकि इस मामले पर मालदीव सरकार ने कड़ा एक्शन लेते हुए इन मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया था। लेकिन इसके बावजूद भी दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है।
चीन से की अपील
वहीं दूसरी तरफ भारतीय पर्यटकों ने भी 'बायकॉट मालदीव' अभियान चला दिया है। जिसके चलते मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने चीन से अपने देश में पर्यटक भेजने की अपील की है। राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली चीन यात्रा पर गए मालदीव के राष्ट्रपति ने चीनी राष्ट्रपति जिंगपिंग के साथ 20 समझौतों पर साइन किए। इनमें से ज्यादातर समुंदर से जुड़ी इकोनॉमी पर आधारित हैं।