चीनी समर्थक: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का अपने ही मुल्क में विरोध
- विदेशी राजदूत के आदेश पर काम करते थे इब्राहिम सोलिह
- मुइज्जू ने इब्राहिम सोलिह पर लगाया आरोप
- सैन्य ड्रोन खरीद का हो रहा विरोध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को सैन्य ड्रोन की खरीद मामले में अपने ही देश में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रपति मुइज्जू को विपक्षी नेताओं की आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। आपको बता दें कुछ दिन पहले ही मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति सोलिह ने मुइज्जू को सलाह दी थी कि उन्हें अपनी अकड़पन और जिद त्यागकर भारत से संबंध बेहतर करना चाहिए।
सोलिह ने कहा कि मैंने कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुइज्जू ऋण पुनर्गठन के लिए भारत से बात करना चाहते है। मिली जानकारी के मुताबिक मालदीव पर चीन का 18 बिलियन एमवीआर का कर्ज है, जबकि भारत का 8 बिलियन एमवीआर का कर्ज है और भुगतान की अवधि 25 वर्ष है। सोलिह ने कहा मुझे विश्वास है कि हमारा पड़ोसी देश भारत मदद करेगा। हमें जिद छोड़कर भारत से बातचीत करनी चाहिए।
आपको बता दें कि मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति चीनी हितैषी है और उन्हें चीन समर्थन माना जाता है। चीनी समर्थक मुइज्जू ने अपने चुनावी प्रचार के दौरान मालदीव से भारतीय सैनिकों को वापसी करने का नारा बुलंद किया था। राष्ट्रपति पर निर्वाचित होने के बाद उन्होंने अपना पहला दौरा चीन का किया था। जबकि इससे पहले मालदीव के राष्ट्रपति भारत का दौरा करते थे। मुइज्जू ने इब्राहिम सोलिह पर बगैर किसी देश का नाम लिए बिना एक विदेशी राजदूत' के आदेश पर काम करने का आरोप लगाया।
हाल ही में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने भारत को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। मुइज्जु ने कहा था कि मालदीव में भारत का एक भी सैन्यकर्मी 10 मई के बाद से सादा कपड़ो में नजर नहीं आएगा। मालदीव के राष्ट्रपति का रुख चीन के समर्थन में रहा है। बीते दिनों चीन से निशुल्क सैन्य सहायता पाने के लिए समझौते पर दस्तख्त किए थे। मालदीव ने हाल ही में चिकित्सा बचाव मिशन के लिए श्रीलंका के साथ डील साइन की है। ऐसे में मालदीव सरकार अपने देश से भारतीय सैनिकों निकालने पर अड़ा हुआ है।