भारत-मालदीव विवाद: मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत पर साधा निशाना, बोले - 'हमें छोटा समझकर कोई दादागिरी नहीं दिखा सकता'

  • मालदीव के राष्ट्रपति के बिगड़े बोल
  • इनडायरेक्टली भारत पर साधा निशाना
  • कहा - हमें छोटा समझकर कोई धमका नहीं सकता

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-13 16:54 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद से ही भारत और मालदीव के बीच तनातनी जारी है। इस बीच अपनी पांच दिवसीय चीन यात्रा से स्वदेश लौटे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत को आंख दिखाई है। उन्‍होंने भारत पर अप्रत्‍यक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि, 'हमे छोटा समझकर कोई दादागिरी नहीं दिखा सकता। मालदीव किसी देश की संपत्ति नहीं है।'

ह‍िन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स की र‍िपोर्ट के मुताब‍िक, चीन यात्रा पूरी कर मालदीव लौटे मुइज्जू ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की। जिसमें उनसे पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'हम छोटे हो सकते हैं लेकिन इससे आपको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता।' इस दौरान उन्होंने किसी देश का नाम तो नहीं लिया लेकिन भारत के साथ चल रहे विवाद को देखते हुए माना जा रहा है कि उनका इशारा भारत की तरफ था।

दरअसल भारत और मालदीव के बीच विवाद की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर हुई थी। तब मालदीव के नेताओं ने पीएम मोदी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी। हालांकि इस मामले पर मालदीव सरकार ने कड़ा एक्शन लेते हुए इन मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया था। लेकिन इसके बावजूद भी दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है।

वहीं दूसरी तरफ भारतीय पर्यटकों ने भी 'बायकॉट मालदीव' अभियान चला दिया है। जिसके चलते मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने चीन से अपने देश में पर्यटक भेजने की अपील की है। बता दें कि राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली चीन यात्रा पर गए मालदीव के राष्ट्रपति ने चीनी राष्ट्रपति जिंगपिंग के साथ 20 समझौतों पर साइन किए। इनमें से ज्यादातर समुंदर से जुड़ी इकोनॉमी पर आधारित हैं।

एबीपी की खबर के मुताबिक अपनी चीन यात्रा के दौरान मुइज्जू ने बीजिंग में को कहा था कि वह मालदीव के अंदरुनी मामलों में 'बाहरी हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करते हैं' और द्वीपीय राष्ट्र की संप्रभुता और स्वतंत्रता को कायम करने में उसका समर्थन करते हैं।

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