सम्मेलन: इंडो-ओसियन समिट में बोले जयशंकर, डिजिटल युग और एआई ने विश्वास और पारदर्शिता को दिया बढ़ावा
- भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने पर जोर
- पर्थ में 7 वां इंडो ओसियन सम्मेलन
- क्षेत्रीय और वैश्विक विषयों पर चर्चा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर पेनी वोंग के बीच आज कई वैश्विक मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। दोनों नेताओं के बीच ये मीटिंग पर्थ में सातवें भारत महासागर सम्मेलन के मौके पर हुई । बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के साथ साथ भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया गया। पश्चिमी एशिया की स्थिति पर भी चर्चा हुई। जयशंकर और पेनी वोंग ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि भी की। उन्होंने भारत और महासागर क्षेत्र से संबंधित मामलों पर विशेष ध्यान देने को कहा। हिंद महासागर के देशों को आज इस पर विचार करने की जरुरत है कि क्या उन्हें अधिक सामूहिक आत्म-गठबंधन को अपनाना चाहिए या अतीत की तरह असुरक्षित बने रहना चाहिए।
आज ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में 7वें इंडो ओसियन सम्मेलन के लिए एकत्र हुए हैं। हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी और हिंद महासागर से संबंधित मामलों पर विचारआदान-प्रदान। साथ ही इंडो-पैसिफिक, पश्चिम एशिया की स्थिति और अन्य क्षेत्रीय और वैश्विक विषयों पर भी चर्चा की। इस कार्यक्रम में 22 से अधिक देशों के मंत्रियों, 16 देशों के वरिष्ठ अधिकारियों और छह बहुपक्षीय संगठन शामिल होते हैं। उनके अलावा 40 देशों से 400 के करीब सामाजिक और कॉर्पोरेट नेता नीति व्यवसायी, विद्वान, मीडियाकर्मी भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनते हैं। साल 2016 में सिंगापुर में स्थापना के बाद भारतीय महासागर सम्मेलन क्षेत्र के देशों और प्रमुख समुद्री भागीदारों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहा है।
आपको बता दें विदेश मंत्री जयशंकर पर्थ में दो दिवसीय भारत महासागर सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं। हिंद महासागर सम्मेलन हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के लिए एक प्रमुख कंसल्टेटिव मंच है, जिसे भारत फाउंडेशन के सहयोग से विदेश मंत्रालय द्वारा हर साल आयोजित किया जाता है।
बातचीत के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, आज पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री से मिलकर खुशी हुई। हिंद महासागर से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। हमने भारत-प्रशांत के साथ पश्चिमी एशिया और अन्य क्षेत्रों पर भी चर्चा की। उन्होंने आगे कहा, 'डिजिटल युग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने समानांतर रूप से विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ा दिया है।