तीन दिवसीय जी7 शिखर सम्मेलन: वैश्विक नेताओं के बीच प्रवासन, हिंद-प्रशांत व आर्थिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर हुई चर्चा
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता सत्र में भारत के साथ शामिल होंगे कई देश
- जी7 की पारंपरिक ‘फोटो’ से पहले विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें
- हिंद-प्रशांत पर अपने बढ़ते फोकस के महत्व पर चर्चा केरगी मेलोनी
डिजिटल डेस्क, बारी। दुनिया के सात प्रमुख औद्योगिक देशों के समूह (जी7) ने शुक्रवार को दक्षिणी इतालवी क्षेत्र अपुलिया में तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन प्रवासन के साथ ही हिंद-प्रशांत और आर्थिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा की। सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कृत्रिम मेधा (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्यसागरीय क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने वाले एक सत्र को संबोधित करेंगे। तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर मोदी इटली पहुंचे जहां भारतीय राजदूत वाणी राव ने उनका स्वागत किया। वह जी7 की पारंपरिक ‘फोटो’ से पहले विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। पीएम मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन से इतर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों,यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, ब्रिटेन पीएम ऋषि सुनक से मुलाकात की।
सरकारी समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा के मुताबिक इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी द्वारा आयोजित जी7 के प्रतिभागियों – अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के अलावा प्रधानमंत्री मोदी के साथ शिखर सम्मेलन में आमंत्रित 10 अन्य ‘आउटरीच’ देशों के नेता भी शामिल होंगे।
मेलोनी ने कहा हम हिंद-प्रशांत पर अपने बढ़ते फोकस के महत्व पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘इटली ने जिस एक और महत्वपूर्ण मुद्दे को प्राथमिकता दी है, वह अफ्रीका से जुड़ा है, और केवल अफ्रीका ही नहीं… प्रवास का मुद्दा और मानव तस्करी में शामिल संगठनों की बढ़ती भूमिका जो परेशान लोगों का शोषण कर रहे हैं।
भाषा के अनुसार इतालवी नेता ने जी7 की तुलना अपुलिया क्षेत्र में फैले जैतून के पेड़ों की पत्तियों से भी की, ‘जिनकी जड़ें मजबूत हैं और शाखाएं भविष्य की ओर फैली हुई हैं।’ अपनी बैठक से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल मेलोनी की दो भारत यात्राओं को द्विपक्षीय एजेंडे में गति और गहराई लाने, भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने और हिंद-प्रशांत तथा भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने में ‘महत्वपूर्ण’ बताया।
भाषा से मिली जानकारी के मुताबिक इटली पहुंचने के बाद मोदी ने कहा विश्व नेताओं के साथ सार्थक चर्चाओं में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं। साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना और एक उज्ज्वल भविष्य के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। शुक्रवार को, पोप फ्रांसिस शिखर सम्मेलन को संबोधित करने वाले पहले पादरी होंगे। उनके प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने की भी उम्मीद है।
अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, जॉर्डन, केन्या और मॉरिटानिया के अलावा ट्यूनीशिया, तुर्किये और संयुक्त अरब अमीरात कृत्रिम बुद्धिमत्ता सत्र में भारत के साथ शामिल होंगे। शिखर सम्मेलन के पहले दिन रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा हावी रहा और नेताओं ने कीव को 50 अरब अमेरिकी डालर के ऋण का समर्थन करने के अमेरिकी प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की। बाइडेन ने संवाददाताओं से कहा पुतिन को फिर एक बार याद दिलाया गया: हम पीछे नहीं हट रहे हैं। वास्तव में हम इस अवैध आक्रमण के खिलाफ एक साथ खड़े हैं।