इमरान खान ने की सुको से हिंसा की न्यायिक जांच की मांग और सरकार से की चुनाव कराने की अपील

  • पाकिस्तान में हिंसा पर आर्मी का एक्शन
  • इमरान के साथियों ने छोड़ा साथ
  • चुनाव और जांच कराने की खान की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-29 05:38 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुश्किल दौर से गुजर रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अब भी चुनाव कराने की मांग पर अड़े हुए है। जबकि उनके साथी नेताओं ने संकट के समय उनसे दूरी बना ली है, कईयों ने उनका साथ भी छोड़ दिया। पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने मीडिया से कहा कि जब सरकार उनकी पार्टी तोड़ ले, उसके बाद तो चुनाव की तारीखों का ऐलान करे। पाक पूर्व पीएम इमरान खान का आरोप है कि 9 मई को भड़की हिंसा उनके और उनकी पार्टी के खिलाफ एक सोची समझी साजिश थी। इमरान ने सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि एक कमेटी बनाकर 9 मई को भड़की  हिंसा की न्यायिक जांच कराने की मांग भी की है।

आपको बता दें इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उनके हजारों समर्थकों ने 9 मई को पाकिस्तान के कई इलाकों में उपद्रव मचाया, आगजनी हुई और हिंसा भड़की। अब पाक आर्मी आर्मी एक्ट के तहत हिंसा मामले में गिरफ्तारियां कर रही है,और गिरफ्तार लोगों के खिलाफ आर्मी एक्ट के तहत एक्शन ले रही है। आपको बता दें पाक आर्मी एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर गिरफ्तार लोगों को उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है, इसी के डर से इमरान खान के समर्थक नेता उनका साथ छोड़ रहे है। साथ छोड़ने वाले नेताओं में पार्टी के कई बड़े नेताओं के नाम शामिल है। जिनमें प्रमुखता से शिरीन माजरी, फवाद चौधरी, इमरान इस्माइल, आमिर महमूद कियानी, अली जैदी, मालीका बुखारी, नादिया अजीज, तारिक महमूद अल हसन, मलिक खुर्रम अली खान और जमशेद थॉमस आदि शामिल हैं। कई नेतओं  की ओर से पीटीआई को अलविदा करने से अब पार्टी खत्म होने के कगार पर है।

इमरान खान ने मार्मिक अपील के साथ मीडिया के जरिए सरकार और आर्मी से कहा आर्मी उन लोगों को गिरफ्तार कर ले जो हिंसा में शामिल थे, बाकी निर्दोष लोगों को छोड़ दें जिनका हिंसा से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि सत्ताधारी लोग राजनीति और लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं।  अर्थव्यवस्था लगातार गिर रही है । इसलिए अपने आप को समय दें और दो या तीन हफ्ते का समय लें लेकिन जब आप पीटीआई से इतने लोगों को तोड़ दें कि पार्टी चुनाव लड़ने लायक ना रहे तो उसके बाद तो चुनाव  की घोषणा कर दें। 

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