बड़ा फैसला: मुस्लिम बहुल तजिकिस्तान में हिजाब पर लगा बैन, सरकार ने बताया असभ्यता का प्रतीक
- मुस्लिम बहुल देश तजिकिस्तान में हिजाब पर पर लगा प्रतिबंध
- सरकार ने बनाया कानून
- पालन न करने पर लगेगा जुर्माना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुस्लिम बहुल देश तजिकिस्तान में हिजाब पर बैन लगा दिया है। देश की संसद में 19 जून को इसे लेकर एक विधेयक पारित हुआ था। अब इसके कानून बनने के बाद इस्लामिक ड्रेस पर यह रोक लागू हो गई है। तजिकिस्तान की सरकार ने हिजाब को विदेशी ड्रेस बताते हुए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इस कानून में बच्चों को ईद के मौके पर दी जाने वाली ईदी पर भी बैन लगा दिया है। बता दें कि मध्य एशियाई देश तजिकिस्तान तालिबान शासित अफगानिस्तान का पड़ोसी मुल्क है और यहां की 1 करोड़ आबादी में से 96 फीसदी आबादी मुस्लिम है।
जुर्माने का प्रावधान
नए कानून में जुर्माने का प्रावधान भी रखा गया है। पालन न करने वालों पर भारतीय करेंसी के मुताबिक 60 हजार से 5 लाख रुपए तक के जुर्माने लग सकता है। वहीं, यदि कोई धार्मिक या सरकारी अधिकारी कानून का पालन करते हुए नहीं पाया जाता तो उस पर 3 से 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने देश में धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय लिया है।
रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि सरकार हिजाब पहनने के खिलाफ हमेशा से रही है। वह इसे देश की संस्कृति के विरुद्ध मानती है। यहां तक कि 8 साल पहले राष्ट्रपति इमोमाली रहमान इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन भी चला चुके हैं। वो इसे निम्न स्तर की शिक्षा और असभ्यता का प्रतीक मानते हैं।
दरअसल, इस सख्ती की शुरूआत करीब दो दशक पहले यानी साल 2007 में हुई थी। उस समय देश के शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल-कॉलेजों में इस्लामी कपड़ों और पश्चिमी शैली की मिनी स्कर्ट दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके कुछ समय बाद इस प्रतिबंध को सार्वजनिक स्थानों पर भी लागू कर दिया गया था। बता दें कि ताजिकिस्तान ही इकलौता ऐसा मुस्लिम देश नहीं है जिसने हिजाब और बुर्के पर बैन लगाया है उससे पहले कजाकिस्तान, अजरबैजान, किर्गिस्तान और कोसोवो जैसे मुस्लिम बहुल देश भी ऐसा फैसला ले चुके हैं।
फैसले की हो रही आलोचना
तजिकिस्तानी सरकार के इस फैसले का विरोध पूरे देश में हो रहा है। देश के मानवाधिकार संगठन और कई मुस्लिम धार्मिक ग्रुप इसकी आलोचना कर रहे हैं। बता दें कि हिजाब पर बैन को लेकर देश में कानून भले ही अब आया है लेकिन इस पर अनाधिकारिक प्रतिबंध काफी समय पहले से लगा है।