श्रीलंकाई तमिल नेताओं के समूह ने 13ए को लागू करने के लिए सरकार से भारत के हस्तक्षेप की मांग की

  • सत्ता में भागीदारी की बात
  • श्रीलंका के संविधान का 13वां संशोधन
  • 1987 के भारत-श्रीलंका समझौता याद आया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-23 12:23 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। श्रीलंका के तमिल जनप्रतिनिधियों के एक समूह ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोलंबो 13वें संशोधन को पूरी तरह से लागू करे, भारत से हस्तक्षेप की मांग की है। एक सूत्र ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सरकारी समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक श्रीलंका के संविधान का 13वां संशोधन द्वीपीय देश श्रीलंका में तमिल समुदाय के लिए सत्ता में भागीदारी की बात करता है। भारत इसे लागू करने के लिए जोर देता रहा है जो 1987 के भारत-श्रीलंका समझौते के बाद लाया गया था।

श्रीलंका के तमिल अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने वाले तमिल नेशनल एलायंस के एक सूत्र ने कहा कि वरिष्ठ नेता आर सम्पंतन के नेतृत्व वाले एक समूह ने सोमवार को श्रीलंका में भारत के नए उच्चायुक्त संतोष झा से मुलाकात की। दो घंटे तक चली यह वार्ता 13ए पर केंद्रित रही, जिसके तहत द्वीपीय देश के नौ प्रांतों के लिए प्रांतीय परिषद प्रणाली बनायी गई थी।

सूत्र ने यह भी कहा कि तमिल दलों ने सत्ता में सार्थक भागीदारी के लिए वर्तमान श्रीलंकाई राजनीतिक संदर्भ में भारत के हस्तक्षेप की आवश्यकता बतायी। उन्होंने तमिल राजनीतिक कैदियों और राज्य द्वारा तमिलों की भूमि हड़पने के मुद्दे पर भी प्रकाश डाला।

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने प्रांतों को पुलिस शक्तियों के बिना 13ए के कार्यान्वयन के लिए तमिल राजनीतिक दलों के साथ बातचीत की है। हालांकि, प्रस्ताव को एक प्रमुख बौद्ध धर्मगुरु  ने खारिज कर दिया और तमिल अल्पसंख्यकों को सत्ता में किसी भी तरह की भागीदारी के प्रस्ताव का विरोध किया।

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