नेपाल से पहली बार चीन को हेलेज चारा का निर्यात

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-16 12:58 GMT

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। नेपाल ने पहली बार आधिकारिक तौर पर पशुपालन के लिए उपयोगी हेयलेज चारा (पशु आहार) का चीन को निर्यात शुरू कर दिया है। दक्षिण नेपाली शहर भरतपुर से 15 जुलाई को चीन को हेलेज चारे की पहली खेप का निर्यात शुरू कर दिया गया है। बाकायदा इसके लिए एक प्रस्थान समारोह का भी आयोजन हुआ, जिसमें नेपाली उप प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ और नेपाल में चीनी राजदूत छन सोंग ने भाग लिया और दोनों देशों के बीच कृषि सहयोग को मजबूत बनाने की आशा जतायी गई।

काजी श्रेष्ठ ने कहा कि आज चीन को पशु चारा भेजने का काम शुरू हो गया है। यह एक शुरुआत है और यह हमारे दोनों देशों के व्यापार सहयोग को मजबूत करने के प्रयासों का परिणाम है। इससे नेपाल के व्यापार के विकास का नया द्वार खुलेगा और चीन के साथ नेपाल का व्यापार घाटा कम होगा।

वहीं, नेपाल में चीनी राजदूत छन सोंग ने बधाई देते हुए कहा कि यह चीन और नेपाल के सभी स्तरों की सरकारों, संबंधित संस्थानों और उद्यमों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। चीन सक्रिय रूप से द्विपक्षीय व्यापार के विकास को बढ़ावा देगा। कृषि नेपाल की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और भावी चीन-नेपाल सहयोग का एक प्रमुख क्षेत्र भी है। चीन कृषि के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने और नेपाल में आधुनिक कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा देने के लिए नेपाल के साथ मिलकर काम करना चाहता है।

बता दें कि भरतपुर में उत्पादित पैकिंग हेलेज चारा शुरू होने के बाद, निर्माताओं और किसानों ने बड़ी संख्या में मकई खरीद समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे कई मक्‍का किसानों के जीवन में बदलाव आया है।

भरतपुर के सुजान नाम के एक किसान ने कहा कि चारा उत्पादन कंपनी स्थानीय किसानों को कई लाभ पहुंचाती है। अब प्रत्येक वर्ष मक्के की तीन फसलें उगाई जाती हैं, और कंपनी के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के बाद लेनदेन सरल और तेज़ है, खरीदार ढूंढने की ज़रूरत नहीं है, इंतजार करने की ज़रूरत भी नहीं है। वे लोग समय पर व्यापार करते हैं, और खरीद मूल्य भी बहुत अच्छा है।

चारा के उत्पादन, प्रसंस्करण और परिवहन ने भी नेपाल में बड़ी संख्या में रोजगार पैदा किये हैं। नेपाल की एक निर्यात कंपनी के पूर्वानुमान के अनुसार, नेपाली चारा के उत्पादन की क्षमता बहुत बड़ी है, और वार्षिक निर्यात मात्रा तीन करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।


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