धरती के नीचे खोज: चीन कर रहा डार्क मैटर की खोज, ड्रैगन ने बनाई जमीन के अंदर दुनिया की सबसे गहरी प्रयोगशाला

  • धरती के 2.5 किलोमीटर नीचे प्रयोगशाला
  • डार्क मैटर और डार्क एनर्जी से ही पूरा यूनिवर्स बंधा
  • लैब एक आदर्श 'अल्ट्रा-क्लीन' साइट

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-08 04:45 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन ने जमीन के अंदर दुनिया की सबसे गहरी प्रयोगशाला बनाई है, चीन के इस कारनामे से अन्य देश सकते में आ गए है। चीन ने जो प्रयोगशाला बनाई है,वह 2400 मीटर यानी धरती के करीब 2.5 किलोमीटर नीचे है। चीन ने इसमें काम करना भी स्टार्ट कर दिया है। खबरों के मुताबिक चीन दावा कर रहा है कि धरती की गहराई में वह 'डार्क मैटर' की तलाश में गया है। चीन की सरकार समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार चीन धरती के नीचे जिस प्रयोगशाला में काम कर रहा है, उसका नाम जिनपिंग लैब है और उसे बनाने में तीन साल का समय लगा।

धरती के नीचे प्रयोगशाला बनाने की पीछे की वजह सिंघुआ के भौतिक विज्ञानी बताते है कि हम जितनी गहराई में जाएंगे हम उतनी ही कॉस्मिक किरणों को रोक पाएंगे और उनसे बच सकेंगे। गहराई में बनी हुई लैब डार्क मैटर का पता लगाने के लिए एक आदर्श 'अल्ट्रा-क्लीन' साइट मानी जाती है.

आपको बता दें चीन आए दिन दुनिया को अपने हैरतअंगेज कारनामों से चौंकाता रहता है। चीन अब नई प्रयोगशाला में जिस डार्क मैटर की बात कर रहा है, उसके बारे में आपको बता दें जिस डार्क मैटर से पूरा विश्व बना हुआ है। आज भी वैज्ञानिकों के लिए अनसुलझी पहली बना हुआ है। वैज्ञानिकों का मानना है कि डार्क मैटर और डार्क एनर्जी से ही पूरा यूनिवर्स बंधा हुआ है। 

माना जाता है कि डार्क मैटर ऐसे पदार्थों से निर्मित है जिनसे न तो रोशनी निकलती है, ना ही ये रोशनी को अपनी ओर खींचते है।  पिछले साल अमेरिका में डार्क मैटर की खोज के लिए लक्स जेप्लिन एलजेड नाम का एक प्रयोग किया गया था।

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