अमेरिका की भविष्यवाणी पर भड़का चीन, राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीनी अर्थव्यवस्था को बताया बम
- चीनी अर्थव्यवस्था को लेकर बाइडन का बड़ा बयान
- चीन की अर्थव्यवस्था को बताया चालू बम
- चीन की धीमी आर्थिक विकास दर
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अर्थव्यवस्था को लेकर चीन पर प्रहार किया है। बाइडन ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था एक चालू बम होती है, जिसमें कभी भी धमाका हो सकता है। अमेरिकी राज्य यूटा में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन की धीमी आर्थिक विकास दर को इसकी वजह बताई। उन्होंने आगे कहा जो बुरा करता है, उसके साथ बुरा ही होता है। उन्होंने कहा हम चीन को परेशान नहीं करना चाहते, चीन खुद मुश्किलों में घिरा है। जो बाइडन ने कहा वे उनके साथ तर्कसंगत संबंध रखना चाहते हैं। हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री चीन की यात्रा करके वापस लौटे है, ऐसे में बाइडन का ये बयान दोनों देशों के बीच कड़वाहट को और बढ़ा सकता है।
बाइडन ने कहा कि चीन का उपभोक्ता सेक्टर डिफलेशन की चपेट में आ गया है। फैक्ट्री गेट की कीमतें भी जुलाई से घट रही हैं। स्थिर उपभोक्ता कीमतों और मजदूरी के चलते चीन की विकास दर धीमी हो सकती है। कोरोना के बाद चीन में घरेलू खर्च में कमी का असर आर्थिक विकास पर पड़ रहा है। महामारी में चीन में निर्यात और आयात दोनों व्यापार में कमी आई।
अमेरिका ने बंद किया चीन में रणनीतिक निवेश
अमेरिका ने चीन के खिलाफ एक कार्यकारी आदेश पारित किया है, जिसमें चीन की रणनीतिक रूप से अहम कंपनियों, स्टार्टअप में अमेरिका के निवेश पर रोक लगा दी गई है। अमेरिका को आशंका है कि अमेरिकी निवेश और विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर चीन अपनी सेना का आधुनिकीकरण कर रहा है। इस आदेश का प्रमुख उद्देश्य सेमीकंडक्टर, माइक्रो इलेक्टॉनिक्स, क्वांटम सूचना प्रौद्योगिकी और विशेष प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमता जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी निवेश पर रोक लगाना है।
अपस्फीती यानी डिफलेशन का मतलब
डिफलेशन का अर्थ वस्तुओं और सेवाओं की गिरती कीमतों से होता है, जो कई कारणों से हो सकती है। लोगों को वस्तुओं की घटती कीमतें फायदेमंद लग सकती हैं लेकिन आमतौर पर उपभोक्ता कीमतों में और गिरावट की उम्मीद में खरीददारी को टाल देता हैं।
चीन अमेरिका में तनाव
आपको बता दें अमेरिका और चीन के बीच तनाव बना हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बीते साल जून में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तानाशाह कहा था। जिस पर चीन ने कड़ा विरोध जताया। चीन ने बाइड की बयान को उकसावे वाला बताया।