भारत-कनाडा: कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कही खालिस्तान पर रोक नहीं लगाने की बात, भारत विरोधी संगठन को खुलेआम समर्थन!
- ट्रडू ने फिर दिया भारत के खिलाफ बयान!
- खालिस्तान पर रोक नहीं लगाने की बात कही
- भारत विरोधी को संगठन को खुला समर्थन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत-कनाडा रिश्ते में काफी खींचतान हुई। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर के हत्या का आरोप भारत पर लगाया था। ट्रूडो सरकार इस घटना के बाद से लगातार भारत के खिलाफ और खालिस्तानियों के समर्थन में बयान देते आई है। एक बार फिर जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा दुनिया के दो बड़े लोकतंत्र हैं और दोनों ही देशों को साथ चलना है लेकिन, हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा ट्रूडो ने आंदोलन में खालिस्तानियों का साथ देने की बात भी कही है। जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि हम खालिस्तान के साथ हैं और आंदोलन को नहीं कुचलेंगे, बस प्रदर्शन शांतिपूर्ण होना चाहिए।
'नजरअंदाज नहीं कर सकते...'
हाल ही में एक पंजाबी चैनल से बातचीत के दौरान जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को नजरअंदाज नहीं करने की बात कही। कनाडाई पीएम ने कहा, "भारत और कनाडा दुनिया के दो बड़े लोकतंत्र हैं। हम दोनों को ही साथ चलना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच अच्छे रिश्ते होने चाहिए लेकिन हरदीप सिंह निज्जर की हत्या ने ऐसी मुश्किल खड़ी कर दी है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। बता दें कि जस्टिन ट्रूडो बीते दिनों खालसा डे के एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे जिसमें लोगों के हाथों में भारत विरोधी पोस्टर्स थे। कार्यक्रम के दौरान भारत-विरोधी नारे भी लगाए गए थे। इस दौरान उन्होंने खालिस्तानी आंदोलन का समर्थन करने की बात भी कही थी।
खालिस्तानी आंदोलन का समर्थन
खालसा डे कार्यक्रम में जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि वो खालिस्तान के साथ हैं, बस आंदोलन शांतिपूर्ण होना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद खालिस्तान समर्थकों से कहा, "आपका जो भी मत है, हम उसका समर्थन करते हैं क्योंकि कनाडा एक स्वतंत्र देश है, लेकिन आंदोलन शांतिपूर्ण करना होगा।" भारत लगातार खालिस्तानी तत्वों पर आपत्ति जताते आया है। इस पर ट्रूडो का कहा था कि उनका काम राजनीतिक आंदोलनों को रोकना नहीं है। ट्रूडो ने कहा था, "अगर साथी देश हिंसा और अपराध की शिकायत करते हैं तो हम एक्शन लेतें हैं, लेकिन किसी के पीछे नहीं पड़ते हैं, जैसा भारत सरकार कह रही है।"