डेमोक्रेसी जरूरी: प्राइम मिनिस्टर ऋषि सुनक ने की ब्रिटिश लोकतंत्र की रक्षा के लिए भावुक अपील
- बहु-धार्मिक पहचान को कमजोर किया जा रहा है
- सभी धर्मों और जातियों के प्रवासियों का स्वागत किया
- सफलता स्कीन का रंग नहीं , मेहनत और काम पर निर्भर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने देश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक भावुक अपील करते हुए आगाह किया कि चरमपंथी ताकतें देश को तोड़ने और उसकी बहु-धार्मिक पहचान को कमजोर करने पर लगी हुई हैं। अपनी हिंदू मान्यताओं का हवाला देते हुए ब्रिटिश भारतीय नेता ने शुक्रवार को कहा कि ब्रिटेन के स्थायी मूल्य सभी धर्मों और जातियों के प्रवासियों का स्वागत किया। पीएम सुनक ने प्रदर्शनकारियों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि चरमपंथी ताकतें शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर काबिज न हो जाएं।
प्रधानमंत्री सुनक ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट’ के बाहर अपने संबोधन में कहा जो प्रवासी यहां आए हैं, उन्होंने संपूर्ण रूप से एकजुट होकर अपना योगदान दिया है। उन्होंने हमारे देश की कहानी में एक नया अध्याय लिखने में सहयोग किया है। उन्होंने अपनी पहचान छोड़े बिना ऐसा किया है।
ब्रिटिश पीएम ने आगे कहा आप मेरी तरह एक हिंदू और ब्रिटिश नागरिक हो सकते हैं, या एक धर्मनिष्ठ मुसलमान और एक देशभक्त नागरिक हो सकते हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं। या एक समर्पित यहूदी और अपने स्थानीय समुदाय की जान हो सकते हैं तथा ये सभी हमारे स्थापित ईसाई गिरजाघर की सहिष्णुता पर आधारित है।
उन्होंने कहा लेकिन मुझे डर है कि दुनिया के सबसे सफल बहु-जातीय, बहु-धार्मिक वाली डेमोक्रेसी को जानबूझकर कमजोर किया जा रहा है। देश में कुछ ऐसी ताकतें हैं जो हमें तोड़ने की कोशिश कर रही हैं। ब्रिटेन के सांसदों के लिए बढ़ती सुरक्षा चिंताओं और इजराइल-हमास संघर्ष को लेकर ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर निकाले गए मार्च के दौरान हिंसा के बाद प्रधानमंत्री सुनक ने यह टिप्पणी की है।
सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक ब्रिटेन पीएम सुनक ने आगे कहा, "कोई भी देश सर्वश्रेष्ठ नहीं है, लेकिन हमारे देश ने जो किया उसके लिए मुझे गर्व है। मैं यहां देश का पहला अश्वेत प्रधानमंत्री हूं। आपकी सफलता का निर्धारण स्कीन का रंग नहीं बल्कि आपकी मेहनत और काम पर निर्भर होती है। सुनक ने कहा, "मैं अपने देश से प्यार करता हूं। मैं और मेरा परिवार इसके बहुत आभारी हैं। अब समय आ चुका है कि हम सब एक साथ होकर विभाजनकारी ताकतों का मुकाबला करें। हमें उन लोगों का सामना करना होगा, जो हमें तोड़ने में तुले हुए हैं।