ब्रिटेन की 'नई सरकार': क्या पीएम मोदी की तर्ज पर राजनीति करेंगे ब्रिटेन के नए पीएम स्टार्मर, जानिए कैसे होंगे नई सरकार के साथ रिश्ते?

  • पीएम मोदी और स्टार्मर के हैं मिलते-जुलते विचार
  • क्या हैं स्टार्मर पीएम मोदी के सिद्धांतों से प्रेरित?
  • पीएम मोदी और स्टार्मर में क्या है समानता

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-05 11:18 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रिटेन आम चुनावों में लेबर पार्टी की भारी जीत हुई है। 14 साल के लंबे इंतजार के बाद लेबर पार्टी की ब्रिटेन में सरकार बनने जा रही है। लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर ने मौजूदा पीएम ऋषि सुनक को हार की तस्वीर दिखा दी है। लेबर पार्टी ने ब्रिटेन आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी को बुरी तरीके से हरा दिया है। आम चुनाव के नतीजों में लेबर पार्टी को बहुमत मिल गया है। इसके अलावा ये भी तय है कि 14 साल के बाद लेबर पार्टी सत्ता में लौट रही है। इसके साथ ही कीर स्टार्मर प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। लेबर पार्टी में मचे इस तूफान के पीछे की वजह कीर स्टार्मर ही हैं। अब बस कीर स्टार्मर के पीएम बनने के लिए फॉर्मेलिटी ही बाकी हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कीर स्टार्मर के शाशन काल में भी ब्रिटेन के साथ भारत के अच्छे संबंध रहेंगे।

एक से विचारों का मिल जाएगा साथी

कीर स्टार्मर के पीएम बनने के बाद पीएम मोदी को उनकी ही सोच जैसा एक साथी मिल जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि स्टार्मर के शाशन काल में भी ब्रिटेन के साथ संबंध अच्छे होंगे। इसकी वजह पीएम मोदी और स्टार्मर की एक जैसी सोच को माना जा रहा है। ब्रिटेन आम चुनाव में लेबर पार्टी के उम्मीदवार कीर स्टार्मर का नारा था, "कंट्री फर्स्ट, पार्टी सेकेंड।" पूरे चुनावी अभियान में कीर स्टार्मर का इसपर ही फोकस रहा है। वोटरों के बीच उनका ये नारा काम करता दिखाई दिया है। यही वजह है कि कीर स्टार्मर को लोगों ने भर-भर के वोट्स दिए हैं। जिससे वह आज प्रधानमंत्री बनने के लिए पूरी तरीके से तैयार हैं।

क्या पीएम मोदी के सिद्धांतों से हैं स्टार्मर प्रेरित?

कीर स्टार्मर की "कंट्री फर्स्ट पार्टी सेकेंड" वाली सोच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों से मिलती-जुलती है। पीएम मोदी के लिए भी उनका देश पहले आता है। पीएम मोदी ने कई बार इस सिद्धांत का जिक्र किया है। नेशन फर्स्ट-पार्टी सेकेंड वाला सिद्धांत 2014 से ही पीएम मोदी के काम का हिस्सा है। केवल चुनावी अभियान ही नहीं, बल्कि उन्होंने सत्ता में भी इसको प्राथमिकता दी है। इसको लेकर उन्होंने कांग्रेस को कोसा भी है कि उनके लिए परिवार पहले है जबकि हमारे लिए नेशन पहले है।

क्या है मोदी और स्टार्मर में समानता?

स्टार्मर का कंट्री फर्स्ट, पार्टी सेकेंड सिद्धांत पीएम मोदी के नेशन फर्स्ट सिद्धांत से मिलता-जुलता है। यहां तक की फलिस्तीन मामले पर भी स्टार्मर पीएम मोदी जैसी ही सोच रखते हैं। लेबर पार्टी फलिस्तीनी देश को मान्यता देने की वकालत करते आई है। भारत का भी इस मामले में कुछ ऐसा ही स्टैंड रहा है। इस बात को मोदी दोहरा भी चुके हैं। स्टार्मर ने ये भी कहा था कि वे सत्ता में आते हैं तो उनके लिए देश पहले होगा। साथ ही ब्रिटेन की खराब हो रही अर्थव्यवस्था को भी ठिक करेंगे। अब सवाल ये उठता है कि भारत संग ब्रिटेन के रिश्ते कैसे रहेंगे? जानकारों के अनुसार ब्रिटेन में लेबर पार्टी आने से भारत के रिश्ते में किसी भी प्रकार की खटास आने की संभावना नहीं है। बल्कि ऐसा माना जा रहा है कि रिश्ते मजबूत हो सकते हैं।

स्टार्मर का भारत को लेकर क्या कहना है?

कीर स्टार्मर ने खुद कह रखा है कि लेबर पार्टी की सरकार भारत के साथ लोकतंत्र के हमारे साझा मूल्यों पर आधारित संबंध स्थापित करेगी। लेबर सरकार भारत के साथ एक नई रणनीतिक साझेदारी की कोशिश करेगा। जिसमें एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी शामिल है। उन्होंने कहा था कि हम दोनों देशों के बीच वैश्विक सुरक्षा, जलवायु सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा के लिए एक नई रणनीतिक साझेदारी भी चाहते हैं। दुनिया में भारत की मौजूदा स्थिति को देखते हुए स्टार्मर ने पिछले महीने खुद कहा था कि यह भारत की सदी बनने का अवसर है। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि बीते दो सालों से प्रस्तावित एफटिए यानी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट समझौते पर बातचीत चल रही है। सुनक की सरकार में इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब स्टार्मर की सरकार में उम्मीद है कि वह इसपर फैसला लेगी।

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