खुलासा: इस वजह से पाकिस्तान पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल हुआ था लॉन्च, 2 साल बाद भारत ने किया खुलासा
- दो साल पहले वायुसेना की ओर से ब्रह्मोस मिसाइल हुआ था लॉन्च
- भारत ने किया बड़ा खुलासा
- बताई मिसाइल फायर होने की असल वजह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने लगभग 2 साल पहले 9 मार्च, 2022 के दिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल लॉन्च कर दिया था। उसके बाद पाकिस्तान दूतावास के अधिकारी ने नई दिल्ली से अपना विरोध जताया था। लेकिन अब दो साल बाद भारतीय वायुसेना ने इसकी वजह बताई है। जिसके चलते ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल लॉन्च हुई थी। भारतीय वायुसेना ने बताया कि ब्रह्मोस मिसाइल के कॉम्बैट कनेक्टर जंक्शन बॉक्स से जुड़े रहे, जिसके चलते मिसाइल मिस फायर हो गई थी। हालांकि, बाद में इस मामले में सीओआई की इंक्वायरी बैठा कर जांच भी हुई। जिसके बाद कुल 16 गवाहों से पूछताछ की गई और कुछ नाम भी सामने आए थे।
कोर्ट में भारतीय वायुसेना ने क्या कहा?
भारतीय वायुसेना ने दिल्ली हाईकोर्ट में मिसाइल लॉन्चिंग पर बताया कि कॉम्बैट मिसाइलों के कॉम्बैट कनेक्टर्स जंक्शन बॉक्स से जुड़े हुए थे। और यह बात बात कॉम्बैट क्रू को भलीभांति मालूम था। इसके बाद भी क्रू मेंबर्स 'मोबाइल ऑटोनॉमस लॉन्चर कमांडर' को मिसाइल लॉन्च करने से रोकने में फेल साबित हुए। जिसके बाद पड़ोसी देश पर मिसाइल लॉन्च हो गई थी।
घटना के दोषी कौन?
पाकिस्तान पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल की घटना के बाद कोर्ट ने इंक्वायरी बैठा दी। उसके बाद कोर्ट ने सीओआई (कोर्ट ऑफ इंक्वायरी) का गठन किया। दुर्घटना से जुड़े इस मामले में सीओआई ने 16 गवाहों से पूछताछ की गई। जांच के बाद कैप्टन सौरभ गुप्ता, स्क्वाड्रन लीडर प्रांजल सिंह और विंग कमांडर अभिनव शर्मा दोषी पाए गए। सीओआई ने बताया कि मिसाइल लॉन्चिंग की दुर्घटना के लिए ये लोग जिम्मेदार हैं। बता दें कि सीओआई (कोर्ट ऑफ इंक्वायरी) का गठन तब किया जाता है जब सेना में किसी सैन्यकर्मी के ऊपर कोई आरोप लगता है। लेकिन सीओआई की जांच के बाद कोई सजा का प्रावधान नहीं है।
हुआ था भारी नुकसान
इस मिस फायर के चलते भारतीय वायुसेना के सरकारी खजाने को लगभग 25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। क्योंकि, मामला संवेदनशील था और इससे बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी। जिसके कारण वायुसेना की छवि को भी नुकसान पहुंच सकता था। इसके साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध और भी प्रभावित हो सकते थे।