उल्टा पड़ा वार: आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान के लिए आई बुरी खबर, तालिबान और आईएसएस ने किया कई इलाकों पर कब्जा
- पाकिस्तान में पैर पसार रहा आईएसएस
- खैबर पख्तूनख्वा के वजीरिस्तान जिले पर टीटीपी का कब्जा
- गृह मंत्रालय ने दी जानकारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान को अब खुद ही उनका डर सताने लगा है। भारत के इस पड़ोसी मुल्क पर इन दिनों आतंकी साया मंडरा रहा है। वहां के आंतरिक मंत्रालय के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा के आदिवासी जिलों में भारी संख्या में तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) आतंकवादियों की घुसपैठ होना शुरू हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते कुछ समय में वहां टीटीपी के आतंकियों की एक्टिविटी बढ़ गई है। कहा तो यह भी जा रहा है कि खैबर पख्तूनख्वा के वजीरिस्तान जिले पर टीटीपी ने कब्जा कर लिया है और अधिकारियों को डरा-धमकाकर अपनी सरकार चला रहा है।
पैर पसार रहा आईएसआईएस
इस बीच पाकिस्तान को इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट यानी आईएसआईएस का भी डर सता रहा है। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय का कहना है कि आईएसआईएस मुल्क में पैर जमाने की फिराक में है। वह इसके लिए सांप्रदायिक संघर्ष को भड़काने के लिए शियाओं और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों का सहारा ले रहा है।
मंत्रालय की ओर से इस बात की जानकारी संसद में दी गई। मंत्रालय ने संसद को अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद टीटीपी की बढ़ती गतिविधियों और उसके खिलाफ तालिबान के नेतृत्व वाली अंतरिम अफगान सरकार की निष्क्रियता के बारे में जानकारी दी।
प्रश्नकाल के दौरान एक लिखित जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा, "आईएसआईएस की एक्टिविटी में बढ़ोतरी हुई है और अपनी ताकत और क्षमताएं बढ़ाने के लिए उसने अन्य आतंकवादी समूहों का समर्थन भी मांगा है। मंत्रालय के मुताबिक इसका प्रभाव ज्यादातर खैबर पख्तूनख्वा इलाके में है। आतंकी संगठन बलूचिस्तान में अपनी पैठ बढ़ाने के साथ-साथ अपने नेटवर्क को सक्रिय करने की कोशिश भी कर रहा है।"
पाकिस्तानी सीमाओं से अवैध आवाजाही पर रोक
मंत्रालय ने बताया कि पाकिस्तानी बॉर्डर के जरिए अवैध आवाजाही को रोकने के लिए राज्य तंत्र को सशक्त करने की जरूरत है। जिसके लिए पाकिस्तान की पश्चिमी सीमाओं पर बैरियर लगाने का काम लगभग पूरा हो गया है।
बता दें कि, पिछले साल अफगानिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों की ओर से भीषण हमला किए जाने के बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान सीमा पर बाड़ाबंदी करनी शुरु कर दी थी। यह सीमा 2,640 किलोमीटर लंबी है जिसे डूरंड लाइन कहा जाता है। जो कि ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों, घने जंगलों वाली घाटियों और संकीर्ण चट्टानी इलाकों से होते हुए निकलती है। मंत्रालय के मुताबिक बाड़ाबंदी का कार्य कुछ ही समय में पूर्ण हो जाएगा।