भारत-मालदीव विवाद: विवाद के बीच भारत ने मालदीव के सामने किया ताकत का प्रदर्शन, कुछ ही दूरी पर चीन के दुश्मन देश के साथ किया युद्धाभ्यास
- मालदीव के सामने भारत का शक्ति प्रदर्शन
- जापान के साथ किया संयुक्त अभ्यास
- भारत के साथ विवाद के बीच मालदीव के राष्ट्रपति का चीन दौरा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मालदीव के साथ जारी विवाद के बीच भारत ने शुक्रवार को जापान के संयुक्त युद्ध अभ्यास किया। चेन्नई तट के पास हुए इस युद्धाभ्यास के दौरान मुसीबत में फंसे जहाज से चालक दल को तुरंत सुरक्षित निकालने की प्रेक्टिस की। दोनों देशों के कोस्टगार्ड जवानों द्वारा हिंद महासागर में चलाए गए इस संयु्क्त अभ्यास को 'सहयोग काइजिन' कोड नाम दिया गया। बंगाल की खाड़ी में हुए इस अभ्यास में अत्याधुनिक उपकरणों से लैस भारत और जापान के आईसीजीएस शौर्य और जेसीजीएस याशिमा शामिल थे, जिसकी सहायता से एमटी मत्स्यदृष्टि और एमवी अन्वेषिका चालक दल को बचाने के लिए कार्रवाई की।
मुसीबत में फंसने की सूचना मिलते ही तेज गश्ती करने वाले जहाज आईसीजीएस एनी बेसेंट और आईसीजीएस रानी अब्बक्का ने फौरन रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। इससे पहले कि ये दोनों ही जहाज संकट में फंसे जहाज तक पहुंचते, दो डोर्नियर प्लेनों ने समुद्र के ऊपर उड़ान भरी। जिससे की रेस्क्यू जहाजों को अपने टारगेट तक पहुंचने में आसानी हो सके।
संयुक्त अभ्यास के दौरान, तटरक्षक जहाजों ने चालक दल को चिकित्सीय आपात स्थिति से बाहर निकाला। जिसके बाद अपने अग्निशमन अपकरणों से जहाज में लगी आग की लपटों को बुझाने का सफल प्रयास किया। इस संयुक्त अभ्यास की समीक्षक तटरक्षक क्षेत्र (पूर्व) के कमाडंर महानिरीक्षक डॉनी माइकल ने किया। इसके बाद जेसीजीएस याशिमा के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन युइची मोटोयामा ने आईजी के साथ मीटिंग की।
बता दें कि भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लक्षद्वीप का दौरा करने पर मालदीव के तीन मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर अपत्तिजनक स्टेटमेंट की थी। हालांकि इसके बाद वहां की मुइज्जू सरकार ने उन तीनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया था। लेकिन इसके बावजूद भी दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है।
वहीं दूसरी तरफ भारतीय पर्यटकों ने भी 'बायकॉट मालदीव' अभियान चला दिया है। जिसके चलते मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने चीन से अपने देश में पर्यटक भेजने की अपील की है। बता दें कि राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली चीन यात्रा पर गए मालदीव के राष्ट्रपति ने चीनी राष्ट्रपति जिंगपिंग के साथ 20 समझौतों पर साइन किए। इनमें से ज्यादातर समुंदर से जुड़ी इकोनॉमी पर आधारित हैं।