चांद मिशन: अमेरिका की प्राइवेट कंपनी ने अंतरिक्ष की दुनिया में रचा इतिहास, चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान की कराई सफल लैंडिंग

  • अमेरिका की प्राइवेट कंपनी ने रचा इतिहास
  • चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान को किया लैंड
  • ऐसा करने वाला दुनिया का दूसरा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-23 18:39 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी की एक प्राइवेट कंपनी ने अंतरिक्ष की दुनिया में इतिहास रच दिया है। इस निजी की कंपनी ने चंद्रमा की सतह पर अपना लैंडर उतारा है। इस कंपनी का नाम इंट्यूटिव मशीन्स है।

अमेरिका की ह्यूस्टन बेस्ड प्राइवेट कंपनी इंट्यूटिव मशीन्स का लैंडर ओडिसियस चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड किया है। इसी के साथ ओडिसियस चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला दुनिया का पहला प्राइवेट कंपनी बन गया है।

चंद्रमा पर सफल लैंडिंग करने के बाद ओडिसियस ने धरती पर एक मैसेज भेजा। जिसमें लिखा था, 'चांद पर आपका स्वागत है।' ये यान साउथ पोल से करीब 186 मील दूर उतरा गया है। बता दें कि, यह यान सौर ऊर्जा की मदद से अगले 7 दिनों तक चांद की सतह पर काम करेगा।

कितना खास है यह मिशन

हाल ही में भारत के इसरो वैज्ञानिकों की ओर से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कराई गई थी। इसी के साथ भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था। अब एक निजी कंपनी ने चंद्रयान-3 की सफलता के करीब छह महीने बाद चंद्रमा के साउथ पोल पर ही अपने चंद्रयान को सफल लैंड कराया है।

अमेरिका की कंपनी ने ओडिसियस को 15 फरवरी 2024 के दिन लॉन्च किया था। जो 22 फरवरी के दिन चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंच गया। इसके साथ ही इंटूइटिव मशीन्स नाम की अमेरिकी के ह्यूस्टन की ये कंपनी चांद के दक्ष‍िण ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है। फ्लाइट डायरेक्टर टिम क्रेन ने कहा कि इसके सफल होने की गारंटी केवल 80 फीसदी थी, लेकिन हमने यह कर दिखाया। ओडिसियस की ओर से हमें सिग्नल मिल रहे हैं। बता दें कि, ओडेसियस को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर 80 डिग्री साउथ की तरफ उतरा गया है। कंपनी के सीईओ स्टीव आल्टेमस ने अपनी टीम से कहा, "चांद पर स्वागत है, ओडेसियस को नया घर मिल गया है।"

बता दें कि, कुछ समय के लिए ओडेसियस का संपर्क लैंडिंग के दौरान टूट गया था। हालांकि, कंट्रोलर्स से संपर्क टूटने के कुछ देर बाद ही ओडेसियस ने दोबारा सिंग्नल भेजना शुरू कर दिया था। इस प्राइवेट यान से दुनिया को चांद से जुड़े भविष्य को लेकर नई दिशा मिलेगी। 

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