इजराइल हमास युद्ध: बाइडेन से खफा हुए अमेरिका के मुसलमान, इफ्तार पार्टी में आने से किया मना, राष्ट्रपति चुनाव में पड़ सकता है असर!
- इजराइल और हमास के बीच जारी है युद्ध
- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से नाराज हुए मुस्लमान
- इजराइल को लेकर है नाराजगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गाजा पट्टी पर इजराइली सेना लगातार अपने हमलों से कहर बरपा रही हैं। ऐसे में अब इसका प्रभाव अमेरिका की सियासत में भी दिखना शुरू हो गया है। दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल की ओर से गाजा शहर में किए जा रहे हमलों का समर्थन किया था। इस बात से नाराज अमेरिकी सरकार के मुस्लिम नेताओं ने राष्ट्रपति से आपत्ति जाहिर की है। इस वजह से उन्होंने बाइडेन की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी के आमंत्रण को ठुकरा दिया है। इसे देखते हुए अब वाइट हाउस में एक छोटी इफ्तार पार्टी रखी गई है। माना जा रहा है कि इसमें शामिल होने के लिए केवल प्रशासन के कर्मचारियों को ही अनुमति दी जाएगी।
इफ्तार पार्टी में आने से इनकार
साल 2023 में मुस्लिम वकीलों के एक समूह 'एमगैज' के नेतृत्व वाले 'वाइल अल ज़ायत' वाइट हाउस में आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे। हालांकि, इस बार उन्होंने इफ्तार पार्टी में हिस्सा लेने से स्पष्ट तौर पर मना कर दिया। इसके लिए उन्होंने तर्क दिया, " गाजा भुखमरी के हालातों से जूझ रहा है। ऐसी स्थिति में दावत में शिरकत करना अनुचित है।" उन्होंने बताया कि कई लोगों ने बाइडेन के इफ्तार पार्टी के निमंत्रण को ठुकरा दिया था। इसके बाद अमेरिकी प्रशासन ने सोमवार को वाइट हाउस में आयोजित होने वाली पार्टी को रद्द कर दिया था। वहीं, अल ज़ायत के नेताओं ने प्रशासन की नीतियों पर आधारित एक अन्य बैठक में भी शामिल होने से भी साफ इनकार कर दिया है।
यह है नाराजगी की वजह
बाइडेन से अमेरिकी-मुस्लिम लोगों की नाराजागी का मुख्य कारण गाजा की घेराबंदी से जुड़ा हुआ है। अमेरिका सरकार के अधिकांश मुस्लिम नेता इजराइल का समर्थन करने पर बाइडेन से नाराज हैं। ऐसे में राष्ट्रपति की डेमोक्रेटिक पार्टी को बाइडेन के समर्थन के चलते मुस्लिम वोट को खोने की चिंता खाए जा रही है। यदि ऐसा होता है तो फिर डोनाल्ड ट्रंप के इस बार के राष्ट्रपति चुनाव जीतने की संभवानाएं बढ़ जाएंगी। माना जा रहा है कि मंगलवार को इफ्तार पार्टी में राष्ट्रपति जो बाइडेन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस , सरकारी मस्लिम अधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा के अधिकारी समते अन्य मुस्लिम नेता हिस्सा लेंगे।