G20 Summit: रेल से जा सकेंगे अमेरिका और सऊदी अरब, पोर्ट कनेक्टिविटी भी होगी मजबूत, व्यापार बढ़ाने के लिए होगी अहम चर्चा
- दिल्ली में जी20 की बैठक
- रेल और पोर्ट कनेक्टिविटी पर होगी चर्चा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका, सउदी अरब और अमेरिका के बीच रेल और बंदरगाह कनेक्टिविटी बहुत जल्द हो सकती है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका, भारत और सऊदी अरब के साथ अन्य देश संभावित बुनियादी ढांचे के समझौते पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, अगर इस समझौते पर मुहर लगती है तो रेल कनेक्टिविटी और बंदरगाह के जुड़ने से खाड़ी और एशियाई देशों के बीच व्यापार और भी बेहतर तरीके से हो सकते हैं। इस डील में संयुक्त अरब अमीरात और यूरोप के देश भी शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के नेतृत्व में हो रहे जी20 की बैठक में इस मुद्दे को लेकर बातचीत हो सकती है।
जी20 की बैठक में हो सकती है चर्चा
राजधानी दिल्ली में जी20 की बैठक होने वाली है। जिसका आयोजन 9-10 सितंबर को दिल्ली के भारतीय मंडपम में किया जाना है। इस समिट में हिस्सा लेने के लिए दुनिया के कई दिग्गज नेता पहुंच चुके हैं। इनमें ब्रिटेन के पीएम, इटली की राष्ट्रध्याक्ष, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना जैसे कई अंतरराष्ट्रीय नेता पहुंच चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी पहुंचने वाले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाइडेन और मोदी के मुलाकात के दौरान अन्य मुद्दे के अलावा कनेक्टिविटी पर भी बात हो सकती है। जी20 की बैठक में भाग लेने के लिए सऊदी अरब के क्राउंस प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी भारत आ रहे हैं। हो सकता है रेल कनेक्टिविटी को लेकर पीएम मोदी और सलमान में बात हो।
चीन के लिए बनेगी रणनीति?
जानकारों का मानना है कि जी20 इसके लिए बेहतर प्लेटफॉर्म है। रॉयटर्स के रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के बेल्ट एंड रोड ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर का मुकाबला करने के लिए बाइडेन अमेरिका को जी20 में विकासशील देशों खासकर इंडो-पैसिफिक एरिया में एक वैकल्पिक भागीदार और निवेशक के तौर पर पेश कर सकते हैं ताकि चीन की रणनीति को मात दी जा सके।
बाइडेन और अमेरिकी प्रशासन मध्य पूर्व में व्यापक राजनयिक समझौते की तलाश में जुटा है ताकि उसके माध्यम से सऊदी अरब इजराइल को मान्यता दी जा सके। अधिकारियों के मुताबिक, इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर डील से शिपिंग टाइम, लागत, डीजल का उपयोग कम होगा। साथ ही भविष्य में व्यापार तेज, सस्ता और सुलभ हो जाएगा।