तालिबान ने नहीं उड़ाया पाकिस्तान की मस्जिद को, फर्जी है यह तस्वीर

Fake News तालिबान ने नहीं उड़ाया पाकिस्तान की मस्जिद को, फर्जी है यह तस्वीर

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-24 10:08 GMT
तालिबान ने नहीं उड़ाया पाकिस्तान की मस्जिद को, फर्जी है यह तस्वीर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से ही तालिबान का खौफ बढ़ता जा रहा है, इस बीच पाकिस्तान उसके समर्थन में खड़ा हो गया है। ऐसा माना जा रहा है कि तालिबान की जीत पर पाकिस्तान काफी खुश है। वहीं सोशल मीडिया पर दावा किया गया है कि तालिबान ने पाकिस्तान की एक मस्जिद को बम से ध्वस्त कर दिया है।

इससे पहले 90 के दशक में भी तालिबान ने अफगानिस्तान को अपने कब्जे में कर लिया था, उस समय भी पाकिस्तान तालिबान के समर्थन में खड़ा था। पाकिस्तान के इस समर्थन को देखते हुए सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है और दावा किया जा रहा है की यह तस्वीर पाकिस्तान की है।

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क्या है वायरल तस्वीर में?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर में दावा किया जा रहा है कि तालिबान ने पाकिस्तान की एक मस्जिद को बम से उड़ा दिया। ट्वीटर यूजर @Janvisingh132 ने 21 अगस्त को अपने ट्वीटर हैंडल से इस तस्वीर को अपलोड करते हुए कैप्शन लिखा “पाकिस्तान में तालिबानियों की मदद से पहली मस्जिद अंतरिक्ष में लांच की गई बधाइयां रुकनी नहीं चाहिए”। इस तस्वीर को अन्य सोशल मीडिया प्लैटफोर्म पर भी इसी दावे के साथ शेयर किया गया है। 

क्या है इस तस्वीर का सच?
इस तस्वीर के पीछे का सच जानने के लिए जब हमने इसे रिवर्स ईमेज सर्च किया तो हमें 2014 के कुछ रिपोर्टस देखने को मिले। द टाईमस ने अपने एक आर्टिकल में बताया है कि इस्लामिक स्टेट ने 2014 में  इराक के मोसुल शहर स्थित प्राचीन शिया मस्जिदों को बम से उड़ा दिया था। 

इसके अलावा रूस की मीडिया “आर टी” ने भी एक ऱिपोर्ट दी थी जिसमें बताया गया था की यह मस्जिद मेशूल शहर में स्थित सिया मुसलमानों का एक पवित्र स्थल था जिसे इस्लामिक स्टेट द्वारा बम से उड़ा दिया गया। आगे और सर्च करने पर पता चला कि इस मस्जिद का निर्माण 1760 में किया गया था और इसका नाम "शिया अल-कब्बा हुसैनिया" था। 

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इन रिपोर्ट से यह बात साफ हो जाती है कि वायरल हो रही तस्वीर अभी की नहीं बल्की 7 साल पुरानी है और इसका पाकिस्तान या तालिबान से कोई संबंध नहीं है। यह एक फर्जी खबर है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

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