जानिए क्या है पानी रिसने के चलते वंदे भारत ट्रेन के इंजन में छाता लगाकर बैठे लोकोपायलट की तस्वीर का सच
फैक्ट चेक जानिए क्या है पानी रिसने के चलते वंदे भारत ट्रेन के इंजन में छाता लगाकर बैठे लोकोपायलट की तस्वीर का सच
डिजिटल डेस्क, भोपाल। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में केरल की पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी बताई थी। इस ट्रेन के कन्नूर पहुंचने के बाद उसकी छत से पानी रिसने की कई खबरें सामने आई, जिसका रेलवे ने खंडन किया था साथ ही कहा था कि एसी से जुड़ी कुछ समस्याएं सामने आई थी। जिन्हें जल्द ही ठीक कर दिया गया था। बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर ऐसी ही एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर में लोकोमोटिव पायलट को ट्रेन में छाता लेकर बैठे देखा जा सकता है। इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह वंदे भारत ट्रेन की है, जिसमें पानी रिसने की समस्या आई थी। तस्वीर को शेयर करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “मोदी का “वंदे भारत” मोदी की तरह ही एक आपदा है। उद्घाटन के पहले दिन केरल में वंदे भारत की छत से बारिश का पानी टपकने लगा। तस्वीर अपने आप सारी सच्चाई बता रही है।"
— Kris Nair (@KrisNair1) April 26, 2023
पड़ताल - तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने इसके बारे में जानकारी एकत्रित की। हमने इसको रिवर्स सर्च किया। जिसमें हमें जाने माने पत्रकार सुचेता दलाल के ट्विटर अकाउंट पर इसका एक वीडियो मिला जो कि 9 अगस्त 2017 को शेयर किया गया था। इस वीडियो में वायरल हो रही तस्वीर की तरह ही एक ट्रेन में छाता लेकर बैठे लोकोमोटिव पायलट दिख रहा है। वीडियो को शेयर करते हुए दलाल ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया।
— Sucheta Dalal (@suchetadalal) August 9, 2017
तब उनके इस ट्वीट का जवाब देते हुए रेलवे ने ट्वीट किया “इसे लेकर हम वास्तव में चिंतित हैं। इस घटना को लेकर पूछताछ की गई है। यह वीडियो डेड इंजन का है, जिसे दूसरा चालू इंजन खींच रहा था। वीडियो में ऐसा होते हुए देखा जा सकता है।
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) August 9, 2017
इस ट्वीट के आधार पर हमने गूगल पर कीवर्ड्स की सहायता से हमने इसे सर्च किया। जिसमें हमें इससे जुड़ी एक खबर मिली। 11 अगस्त 2017 को इंडिया टाइम्स वेबसाइट पर दी गई खबर के मुताबिक यह वीडियो झारखंड के धनबाद का है।
दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक यह तस्वीर 2017 की है और गोमो स्टेशन के पास गोमो-चोपन पैसेंजर की घटना है। उस समय धनबाद रेल मंडल के डीआरएम मनोज कृष्ण अखौरी थे। दैनिक जागरण ने उनके हवाले से बताया था कि हां ट्रेन में लीकेज हुई थी। जिसे बाद में ठीक करा दिया गया था। इंजन की रखरखाव में चूक हुई थी और हमने इसे गंभीरता से लिया था।
इस तरह हमने अपनी पड़ताल में पाया कि ट्रेन की वायरल होती तस्वीर झारखंड के धनबाद की है जो अभी की नहीं करीब 6 साल पुरानी है। इसका वंदे भारत ट्रेन से कोई लेना-देना नहीं है। इसे गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।