महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: चुनावी मैदान में हावी होती बगावत! अपनों के पत्ते काट रहे 50 बागी, मनाने के लिए महायुति और MVA लगा रही एड़ी चोटी का जोर

  • महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव
  • महायुति और एमवीए में 50 बागी बढ़ रहे टेंशन
  • बागियों को मनाने के लिए हो रही पार्टी कर रही मीटिंग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-01 11:53 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का आगाज होने में एक महीने से कम का समय शेष रह गया है। ऐसे में इस बार भी सूबे की सियासत में बागियों की परेशानी आम होती दिखाई दे रही हैं। राज्य की सत्ताधारी महायुति और विपक्षी खेमे से महाविकास अघाड़ी दल (एमवीए) में बगावत चरम पर पहुंच रही है। इस कड़ी में अब तक महायुति से 36 और एमवीए में 14 बागी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। इसके बाद अब दोनों गठबंधन अपने-अपने बागियों के नाम वापसी की तारीख की राह देख रहे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चनाव से पहले कई प्रमुख दलों के नेता अपने-अपने बागियों को राजी करने के दांव पेंच आजमा रहे हैं। जिससे वोटों के बिखराव को रोका जा सके।

अजित पवार और फडणवीस की हुई मुलाकात

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया और डिप्टी सीएम अजीत पवार ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से उनके आवास पर गुरुवार को मुलाकात की। इसके बाद पवार ने पुणे जिले की चिंचवड विधानसभा सीट से निर्दलीय कैंडिडेट नाना काटे के साथ मुलाकात की। इस दौरान पवार ने काटे से चुनाव में अपना नामांकन वापस लेने की बात रखी। बता दें, महायुति में भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ नेतृत्व की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी शामिल हैं।

भाजपा की बात करें तो डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी के सहयोगियों के साथ मुलाकात की। इस मुलाकात उन्होंने कुछ बागियों से नामांकन वापसी के लिए संपर्क साधने की कोशिश की। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी ठाणे में अपने आवास पर सहयोगियों की मीटिंग बुलाई। वहीं, महाविकास अघाड़ी भी अपने सहयोगियों के साथ मुलाकात कर रही है।

चुनावी मैदान में भाजपा के बागी सर्वाधिक

महाराष्ट्र में अन्य दलों की तुलना में सर्वाधिक बागी भाजपा से है। चुनाव के लिए अब तक भाजपा से 19 बागी मैदान में उतर चुके हैं। इसके बाद शिंदे की शिवसेना से 16 और अजित की एनसीपी से 1 बागी नेता है। इसके अलावा विपक्ष दलों के गठबंधन एमवीए की बात करें तो इनमें कांग्रेस से 10 और बाकी बचे उद्धव गुट के बागी है। जबकि, कुर्ला, दक्षिण सोलापुर, परंदा, सांगोला और पंढरपुर के निर्वाचन क्षेत्रों में एमवीए के अन्य सहयोगियों से 14 बागियों ने कुर्ला, दक्षिण सोलापुर, परंदा, सांगोला और पंढरपुर विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया है।

महायुति से 9 विधानसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों के सामने शिंदे गुट के 9 बागी हैं। इनमें नवी मुंबई में ऐरोली, मुंबई के अंधेरी ईस्ट (जहां पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी और बेटी ने नामांकन दाखिल किया है) जलगांव जिले में पचोरा और ठाणे जिले में बेलापुर जैसी सीटों से बागी उम्मीदवार हैं।

राज्य की दो सीटों पर शिंदे गुट की शिवसेना के सामने भाजपा के बागी उतरे हैं। शिंदे उम्मीदवारों को रायगढ़ जिले की अलीबाग और कर्जत सीट से भाजपा के बागियों से चुनौती मिल रही है। इसके अलावा भाजपा के 9 बागी अजित पवार की एनसीपी उम्मीदवारों के सामने भी मैदान में उतरे हैं। साथ ही एनसीपी (अजित गुट) को आवंटित अन्य 7 सीटों पर शिवसेना (शिंदे गुट) की बागियों से भी चुनौती मिल रही है।

एमवीए में भी बागियों की समस्या

महाविकास अघाड़ी में भी बागी अपने ही गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। ठाणे जिले की कोपरी पचपाखड़ी समेत अन्य सीटों पर कांग्रेस के 4 बागी गठबंधन के उम्मीदवारों को चुनौती दे रहे हैं। इस सीट से महायुति के एकनाथ शिंदे उम्मीदवार हैं। उद्धव गुट की शिवसेना से मुंबई के मानखुर्द शिवाजी नगर से मैदान में उतरे हैं। इस सीट से सपा खेमे से राज्य प्रमुख अबू आजमी प्रत्याशी है। इतना ही नहीं बल्कि मुंबई की वसोवा और बुलढाणा जिले के मेहकर में शिवसेना यूबीटी के बागी गठबंधन की टेंशन बढ़ रहे हैं।

इस बीच मुंबई की धारावी सीट से शिवसेना (यूबीटी) के बागी ने मैदान छोड़ दिया है। उन्होंने मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ की बहन ज्योति के खिलाफ अपना नामांकन वापस ले लिया है। इसके अलावा अन्य सीटों पर शरद पवार की एनसीपी के बागी शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के उम्मीदवारों के सामने उतरे हैं। वहीं, राज्य की अन्य सीटों पर एनसीपी (शरद गुट) के उम्मीदवारों को अपने सहयोगियों या अन्य किसी दल के बागियों से चुनौती मिल रही है।

बागियों को लेकर कांग्रेस की बैठक

गौरतलब है कि महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन का हिस्सा है। शरद पवार और एनसीपी के राज्य ईकाई प्रमुख जयंत पाटिल बागी नेताओं से संपर्क साधने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि, कांग्रेस महाराष्ट्र इकाई नाना पटोले और उनके सहयोगियों विजय वडेट्टीवार और बालासाहेब थोराट भी बागियों से बातचीत कर रहे हैं। वह राजनीतिक स्थिति की समीक्षा करके बागियों को नामांकन वापस करने के लिए मना रहे हैं।

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