Nagpur News: विदर्भ की प्रमुख सीटों पर 94 बागी उम्मीदवार पूर्व विदर्भ में सीधी भिड़ंत के आसार

विदर्भ की प्रमुख सीटों पर 94 बागी उम्मीदवार पूर्व विदर्भ में सीधी भिड़ंत के आसार
  • नामांकन के बाद चुनावी मुकाबले का दृश्य उभरने लगा
  • कई सीटों पर बागी खेल बिगाड़ने की तैयारी में दिख रहे
  • अनेक सीटों पर सर्वाधिक सीधे मुकाबले के आसार भी

Nagpur News रघुनाथसिंह लोधी . विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दर्ज कराए जाने के बाद चुनाव मुकाबले का दृश्य उभरने लगा है। हालांकि अभी नाम वापसी की अवधि समाप्त नहीं हुई है। रुठों को मनाने का दौर निश्चित ही चलेगा, चल भी रहा है। लेकिन विदर्भ में कहा जा सकता है कि यहां कई सीटों पर बागी खेल बिगाड़ेंगे। विदर्भ में प्रमुख सीटों पर लगभग 94 बागी उम्मीदवार चिन्हित किए गए हैं। इनके अलावा आंबेडकरवादी और बहुजनवादी राजनीति का दावा करनेवाले उम्मीदवारों की संख्या भी अधिक है। विदर्भ की 62 में से 32 सीटें पूर्व विदर्भ और 30 सीटें पश्चिम विदर्भ में हैं। इन सीटों पर सर्वाधिक सीधे मुकाबले के आसार है।

किसे कितनी सीट : महायुति में भाजपा 46, शिवसेना शिंदे 8, राकांपा अजित ने 5 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। एक सीट पर स्वाभिमान पक्ष व 2 पर अन्य को समर्थन दिया गया है। कांग्रेस ने 41,राकांपा शरदचंद्र पवार 12 व शिवसेना (उद्धव) ने 9 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। वंचित बहुजन आघाडी, बच्चू कड़ू का प्रहार संगठन व मनसे ने भी मुकाबले को रोचक बनाने की तैयारी की है। दावा किया जा रहा है कि 28 सीटों पर दोनों प्रमुख गठबंधन के मित्रदल चुनौती दे रहे हैं। 35 सीटों पर भाजपा व कांग्रेस में सीधा मुकाबला है।

सत्ता का मार्ग : माना जा रहा है कि विदर्भ से ही राज्य की सत्ता का मार्ग तय होगा। लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहा यह क्षेत्र अब भी पूरी तरह से भाजपा के साथ नहीं दिख रहा है। लिहाजा प्रमुख दल इस क्षेत्र में अधिक ध्यान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्धा व वाशिम का दौरा कर महाराष्ट्र में भाजपा की चुनाव तैयारी का आगाज किया है। कांग्रेस भी राहुल गांधी की मौजूदगी में नागपुर में संविधान सम्मेलन के माध्यम से राज्य में चुनाव प्रचार की शुरुआत करेगी। पिछले दो चुनाव के परिणाम देखें तो साफ नजर आता है कि विदर्भ किस तरह सत्ता के लिए आवश्यक है। 2014 में विदर्भ में भाजपा ने 44, कांग्रेस 10, शिवसेना अविभाजित 4 व राकांपा अविभाजित ने 1 सीट जीती थी। दक्षिण पश्चिम नागपुर के विधायक देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने। लेकिन 2019 में उलटफेर हो गया। भाजपा 29, शिवसेना 4, राकांपा 6 , कांग्रेस 15 व अन्य ने 8 सीट जीती। इनमें भी पूर्व विदर्भ में भाजपा का प्रदर्शन कांग्रेस के बराबर ही रहा। हालांकि राज्य में 105 सीटों के साथ भाजपा सबसे आगे रही। लेकिन पूरे 5 साल तक भाजपा को मुख्यमंत्री पद नहीं मिल पाया। उसे विपक्ष में भी रहना पड़ा।

नागपुर में 8 सीट पर सीधा मुकाबला माना जा रहा है कि उम्मीदवार यथावत रहे तो नागपुर की 12 में से 8 सीट पर सीधा मुकाबला तय है। दक्षिण पश्चिम नागपुर में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कामठी में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का कांग्रेस उम्मीदवार से सीधा मुकाबला होगा। पूर्व नागपुर, मध्य नागपुर व रामटेक विधानसभा क्षेत्र में बगावत का असर देखना होगा।

दी थी चेतावनी : प्रमुख दलों ने पहले ही बागियों को चेतावनी दे रखी है। रामटेक में पार्टी नेताओं को लेकर बयानबाजी के मामले में पूर्व विधायक मलिकार्जुन रेड्डी को भाजपा ने निलंबित कर दिया। प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने नामांकन दर्ज कराने की प्रक्रिया के समय चेताया कि जिन्हें पार्टी ने उम्मीदवारी दी है वे ही नामांकन भरें अन्यथा कार्रवाई होगी। भाजपा के असंतुष्टों की बगावत खुले तौर पर नहीं दिखी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने भी बागियों से नाम वापसी का आवाहन किया है।


Created On :   2 Nov 2024 8:52 AM GMT

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