मीडिया प्रशिक्षण: शिक्षक हमारे युवाओं को डिजिटल युग की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार करने में सबसे महत्वपूर्ण हैं- प्रो. के.जी. सुरेश
- एमसीयू ने मीडिया में गलत सूचनाओं से निपटने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया
- दो दिवसीय मीडिया साक्षरता कार्यशाला का आयोजन
- कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को मीडिया की व्यापक समझ प्रदान करना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मीडिया में गलत सूचनाओं के प्रसार से निपटने के लिए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने संयुक्त रूप से शिक्षकों के लिए दो दिवसीय मीडिया साक्षरता कार्यशाला का आयोजन किया। विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में पूरे भारत से प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के 60 से अधिक शिक्षक एकत्रित हुए।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में गलत सूचनाओं के प्रसार का मुकाबला करने और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि "शिक्षक हमारे युवाओं को डिजिटल युग की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार करने में सबसे आगे होना चाहिए।" यह कार्यशाला उन्हें मीडिया साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।" राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन सचिव महेंद्र कपूर ने अपने संबोधन में संगठन की उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि यह भारत में सबसे बड़ा शिक्षक संगठन है, जिसके 12 लाख से अधिक सदस्य हैं।
कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को मीडिया परिदृश्य की व्यापक समझ प्रदान करना था, जिससे वे डिजिटल युग की जटिलताओं को समझने में समाज का प्रभावी ढंग से मार्गदर्शन कर सकें। स्वागत उद्बोधन में विश्वविद्यालय की प्रशिक्षण निदेशक प्रो. जया सुरजानी ने शिक्षकों को आधुनिक मीडिया की जटिलताओं को समझने और लोगों को इस ज्ञान को प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए तैयार करने के महत्व पर जोर दिया।
दो दिन के विभिन्न सत्रों में मीडिया की समझ, मीडिया प्रबंधन के लिए उपकरण और तकनीक, गलत सूचना और भ्रामक सूचनाओं को समझने और मीडिया उपभोग के नैतिक मुद्दे सहित कई विषयों को शामिल किया गया। दीपक शर्मा, डॉ. रामदीन त्यागी, गिरीश उपाध्याय, डॉ. मनोज पटेल, आशुतोष सिंह ठाकुर, डॉ. पी. शशिकला और दर्शन कुमार सहित विशेषज्ञों के एक पैनल ने मीडिया साक्षरता एवं जागरूकता पर अपनी अंतर्दृष्टि और विशेषज्ञता से देशभर से आए शिक्षकों को मार्गदर्शन दिया, जिससे प्रतिभागियों के लिए मूल्यवान दृष्टिकोण और व्यावहारिक मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।