राष्ट्रीय संगोष्ठी: शोध समाज हित में होना चाहिए : कुलगुरु प्रो. सुरेश

  • एमसीयू में मीडिया प्रबंधन विभाग एवं दतिया परिसर ने संगोष्ठी का किया आयोजन
  • डिजिटल मीडिया में अवसर, चुनौती दोनों : राकेश खर
  • दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ समापन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-29 12:55 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय माखनपुरम बिशनखेड़ी परिसर में मीडिया प्रबंधन विभाग एवं विश्वविद्यालय के दतिया परिसर के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। रोडमैप टू विकसित भारत 2047 विषय पर आयोजित संगोष्ठी के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार राकेश खर थे, वहीं अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के. जी. सुरेश ने की।

सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलगुरु प्रो. सुरेश ने डिजिटल इंडिया के निर्माण में तीन मुख्य बिंदुओं ऐसेसिबिलिटी, अवैलबिलिटी एवं एफॉर्डिबिलिटी पर चर्चा की और बताया कि डिजिटल इंडिया में इनकी बहुत आवश्यकता है। उन्होंने डिजिटल मीडिया में टेक्नोलॉजी की उपयोगिता एवं इसकी चुनौतियों को विस्तार से समझाते हुए बताया कि टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से बढ़ रही है, जिसे हम पकड़ने में अभी असमर्थ है। प्रो. सुरेश ने कहा कि अमृतकाल देश के लिए सर्वोच्य काल रहेगा, इसलिए विश्वविद्यालयों को शोध पर जोर देना होगा । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शोध समाज हित में होना चाहिए।

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता राकेश खर द्वारा मीडिया विशेषकर डिजिटल मीडिया में आ रही क्रांति के बारे में विस्तार से बताया गया । उन्होंने नवीन एवं डिजिटल मीडिया के अवसर एवं चुनौतियों के संबंध में उदाहरणों सहित वक्तव्य दिया गया। मीडिया प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ) अविनाश वाजपेयी ने प्रतिभागियों को उनके उत्कृष्ट शोध के लिए बधाई दी एवं इसी तरह शोध करते रहने के लिए प्रेरित किया। दतिया परिसर निदेशक एवं आयोजन सचिव डॉ. कपिल राज चंदोरिया ने बताया कि इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश के 22 राज्यों से लगभग 484 से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता दी एवं 90 से अधिक शोध पत्र प्राप्त हुए। जिनका प्रकाशन विश्वविद्यालय द्वारा आगामी एक माह में किया जाएगा। अंत में डॉ. चंदोरिया ने आभार प्रदर्शन करते हुए संगोष्ठी का समापन किया।

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