छात्रों के बोलने की क्षमता में सुधार करेगा प्रोजेक्ट वॉयस

नई दिल्ली छात्रों के बोलने की क्षमता में सुधार करेगा प्रोजेक्ट वॉयस

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-10 15:30 GMT
छात्रों के बोलने की क्षमता में सुधार करेगा प्रोजेक्ट वॉयस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों के लिए शिक्षा निदेशालय एक नई पहल करने जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों के बोलने की क्षमता का विकास करना है। इस विषय में जानकारी देते हुए दिल्ली के शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने कहा कि इसी महीने से दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में प्रोजेक्ट वॉयस शुरू किया जा रहा है। प्रोजेक्ट वॉयस छात्रों को एक सुरक्षित व अनुकूल प्लेटफार्म प्रदान करेगा। जिससे छात्र बिना किसी हिचकिचाहट के अपने विचारों को साझा करने का अभ्यास कर सकते हैं।

इस कार्यक्रम के तहत, वाद-विवाद, अतिवादी जैसी गतिविधियां शामिल होंगी। छात्रों को तीन ग्रेड समूहों - 3 से 5, 6 से 8, और 9 से 12 में विभाजित किया जाएगा। परियोजना में गतिविधियों के लिए तीन चरणों की प्रतियोगिताएं होंगी। प्रतियोगिताएं अंग्रेजी और हिंदी दोनों में होंगी। चरण 1 में इंट्रा-स्कूल प्रतियोगिताएं होंगी और चरण 2 में क्षेत्रीय प्रतियोगिताएं होंगी, जिनमें स्कूल से प्रत्येक गतिविधि और आयु वर्ग में प्रथम रैंक धारक होंगे। वहीं चरण 3 में प्रत्येक क्षेत्र के प्रथम रैंक धारकों के साथ एक राज्य स्तरीय प्रतियोगिता होगी।

वहीं एक अन्य प्रोजेक्ट मिशन बुनियाद ने कोरोना के दौरान पिछले 2 सालों में बच्चों में आए लनिर्ंग गैप को कम करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस बार दिल्ली सरकार के स्कूलों के साथ-साथ एमसीडी स्कूलों में भी मिशन बुनियाद का क्रियान्वयन काफी बेहतर तरीके से किया गया, जिसके शानदार नतीजे देखने को मिले है।

शिक्षा निदेशालय व एमसीडी के स्कूलों में मिशन बुनियाद की कक्षाओं को 2 महीने तक और संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली में प्राथमिक स्तर पर ज्यादातर बच्चे एमसीडी स्कूलों में ही होते है। कोरोना के पिछले 2 सालों में यहां बच्चों के लनिर्ंग में काफी गैप देखने को मिला। इस गैप को कम करना एक चैलेंज था। मौजूदा आंकड़ों के अनुसार शिक्षा निदेशालय के स्कूलों के कक्षा 3 से 5 तक के 88 प्रतिशत बच्चे और एमसीडी के स्कूलों के 78 प्रतिशत बच्चे, जो कम से कम शब्द पहचानते हैं, 2 महीने के प्रयास के बाद अपनी किताब पढ़ पाएंगे।

वहीं कक्षा 6 से 9 तक के 90 प्रतिशत बच्चे जो अभी कम से कम एक छोटा पैराग्राफ पढ़ सकते है, वोयॉस से अगले 2 महीने में अपनी किताबें पढ़ सकेंगे। इस बाबत दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने एमसीडी कमिश्नर ज्ञानेश भारती, शिक्षा सचिव अशोक कुमार एवं शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता सहित शिक्षा विभाग के अन्य उच्चाधिकारियों के साथ बैठक भी की है।

(आईएएनएस)

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