Panna News: चार माह से स्कूल में पानी के लिए परेशान हो रहे है नौनिहाल छात्र-छात्रायें, जल जीवन मिशन से की गई व्यवस्था ठप्प, हैण्डपम्प भी हुआ खराब
- चार माह से स्कूल में पानी के लिए परेशान हो रहे है नौनिहाल छात्र-छात्रायें
- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कराये गए कार्य सवालों के घेरे में
- जल जीवन मिशन से की गई व्यवस्था ठप्प, हैण्डपम्प भी हुआ खराब
Panna News: पन्ना जिले में स्कूलो में जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत नल से जल की व्यवस्था के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कराये गए कार्य असफल साबित हो रहे है। हालात यह हो चुके है कि ७० से ७५ फीसदी स्कूलों मेें पानी की व्यवस्था के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत जो कार्य किए गए थे वह अनुपयोगी हो चुके है और विद्यालय के बच्चों तथा शिक्षकों पानी की समस्या से दो-चार होना पड रहा है। विभाग द्वारा नियुक्त किए गए ठेकेदारों के घटिया कार्याें के सामने आने के बाद स्थानीय जिल प्रशासन द्वारा जल जीवन मिशन के तहत विद्यालय में जो नल जल योजना तैयार करवाई गई उसमें की गई तकनीकी लापरवाहयों तथा घटिया किस्म की उपयोग की गई सामग्री की जाँच भी नहीं कराई जा रही हैै। स्कूलों में नलजल योजना के घटिया कार्याे के लगातार सामले सामने आ रहे हैं। पन्ना विकासखण्ड अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मकरी के ग्राम ककरहा स्थित प्राथमिक शाला में नल से जल के लिए जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत करीब पौने दो साल पूर्व जो काम ठेकेदार के माध्यम से करवाया गया था वह व्यवस्था चंद महीने तक ही चल सकी। नल जल योजना के तहत बोर में डाली गई मोटर खराब होकर बोर में फंस चुकी है जिसकी मरम्मत के लिए विद्यालय प्रबंधन द्वारा फंसी हुई मोटर को स्थानीय मिस्त्रियों से निकलवाने का प्रयास किया जो कि बुरी से फंस जाने के कारण नहीं निकल पा रही है ऐसे में मोटर की मरम्मत भी नहीं हो पा रही है और स्कूल में नल से जल की व्यवस्था बनने के बाद के करीब डेढ़ साल ठप्प पडी हुई है।
हैण्डपम्प भी हुआ खराब, दूर जाकर पानी लाने को लिए मजबूर बच्चे
ग्राम पंचायत मकरी की आने वाले ग्राम ककरहा स्थित प्राथमिक शाला में बच्चों की पानी की व्यवस्था के लिए हैण्डपम्प पीएचई विभाग द्वारा लगवाया गया था जिससे विद्यालय की आवश्यकतानुसार पर्याप्त पानी निकलता था जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा हैण्डपम्प के बोर में नल से जल की व्यवस्था किए जाने के लिए प्लास्टिक रोल डाली गई साथ ही मोटर पम्प लगा दिया गया और इससे पाइन लाइन से छत में टंकी रखवाकर विद्यालय के शौंचालय के साथ ही विद्यालय के कक्ष के बाहर पानी के टोटियां लगाकर कनेक्शन जोड दिया गया है। इसके साथ ही साथ मोटर पम्प के साथ हैण्डपम्प को भी पतला सिलेन्डर पाइप डालकर दोनों व्यवस्थायें पानी के लिए चालू की गई। बोर में डाली गई मोटर पहले ही खराब हो चुकी थी और चार माह पहले हैण्डपम्प से पानी निकालने के लिए व्यवस्था बनाई गई थी उसके लिए डाला गया पतला सिलेन्डर खराब हो गया है जिसके चलते हाथों से हैण्डपम्प चलाकर स्कूल में पानी उपलब्ध होता था वह भी बंद हो गया है और पिछले चार माह से विद्यालय के बच्चे पानी के लिए परेशान है। प्यास लगती है तो स्कूल की बाउण्ड्री से करीब ५०० मीटर से अधिक दूर गांव में लगे हैण्डपम्प की ओर हाथ में बाटल लेकर बच्चे पानी के लिए दौड लगाते देखे जा सकते है। विद्यालय की पानी की समस्या को लेकर शिक्षक भी परेशान हैं।
विद्यालय में बने कक्ष में बरसात में छत से रिसता है पानी
शासकीय प्राथमिक शाला ककरहा में जहां बच्चे चार माह से पानी की समस्या का सामना कर रहे है नल से जल की व्यवस्था के हैण्डपम्प से पानी की व्यवस्था ठप्प पडी हुई है और बच्चे परेशान हो रहे हैं। वहीं दूसरी बडी समस्या विद्यालय के कक्ष की जर्जर स्थिति है। प्राथमिक शाला के लिए पुराना बना कक्ष लगभग खराब हो चुका है जिसका उपयोग समूह मध्यान्ह भोजन पकाने के लिए कर रहा है इसके बाद विद्यालय में अलग-अलग समय दो अतिरिक्त कक्ष बने है जिनमें एक कक्ष का कार्यालय के साथ ही कक्षा के रूप में प्रयोग किया जाता है जो कि खराब और जर्जर की स्थिति मेें है बरसात में स्कूल की छत से काफी मात्रा में पानी का रिसाव होता है जिसके चलते विद्यालय कार्यालय के दस्तावेज खराब हो जाते हैं। दूसरे कक्ष की स्थिति ठीकठाक है।
इनका कहना है
विद्यालय के पुराने हैण्डपम्प के बोर में मोटर डालकर नल से जल की व्यवस्था पीएचई विभाग द्वारा की गई थी इसकी मोटर खराब हो जाने से नल से जल की व्यवस्था शुरूआत के ४-५ महीने बाद से बंद पडी हुई्र है। हैण्डपम्प में पतला सिलेन्डर डालकर हैण्डपम्प को भी चालू रखा था जिसे आवश्यकता पडने पर हैण्डपम्प को हाथ से चलाकर पानी लिया जा सके उसमें डाला गया पतला सिलेन्डर पाइप भी ४-५ महिने पहले खराब हो चुका था जिसका भी सुधार नहीं हुआ है। पूरे मामले की जानकारी उन्होंने मौखिक एवं लिखित रूप से विभागीय अधिकारियों के साथ ही पीएचई को भी दी गई है किन्तु समस्या जस की तस है विद्यालय के पास इतना बजट नहीं है कि वह अपने स्तर पर पानी की व्यवस्था के लिए सुधार मरम्मत का कार्य करवा सके। पुन: वरिष्ठ अधिकारियो को जानकारी दी गई है।
सतीश नायक, प्रभारी प्रधान अध्यापक प्राथमिक शाला ककरहा संकुल रक्सेहा