राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालयों में नई शुरुआत, कृषि संकाय को विषय के रुप में पढ़ाने की तैयारी

मध्यप्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालयों में नई शुरुआत, कृषि संकाय को विषय के रुप में पढ़ाने की तैयारी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-27 08:30 GMT
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालयों में नई शुरुआत, कृषि संकाय को विषय के रुप में पढ़ाने की तैयारी
हाईलाइट
  • मप्र के विश्वविद्यालयों में पढाया जाएगा कृषि संकाय

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों के शिक्षण में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ एक नई शुरूआत हो रही है, अब परंपरागत विश्वविद्यालयों में कृषि, हॉर्टिकल्चर जैसे विषय भी पढ़ाए जाएंगे। वहीं महाविद्यालयों में रोजगार मूलक पाठ्यक्रम मंजूर किए गए है।

राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ एक नई शुरूआत हो रही है। प्रदेश में अब परंपरागत विश्वविद्यालयों में कृषि, हॉर्टिकल्चर जैसे संकाय प्रारंभ होने से उच्च शिक्षा में एक नया आयाम जोड़ा जा रहा है। इन विश्वविद्यालयों में कृषि-हॉर्टिकल्चर, फॉरेस्ट्री जैसे मूलभूत पाठ्यक्रमों को एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। इसके जरिए छात्रों में विषय का ज्ञान बढ़ाया जाएगा और ग्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थी भी इस ओर आकर्षित होंगे।

उच्च शिक्षा मंत्री यादव ने बताया कि लंबे प्रयासों के बाद परंपरागत विश्वविद्यालयों में कृषि संकाय प्रारंभ किए जा रहे हैं। अभी तक राज्य शासन के स्तर पर प्रारंभ किए गए कृषि महाविद्यालयों और कृषि विश्वविद्यालयों में ही कृषि, हॉर्टिकल्चर से संबंधित पढ़ाई होती आई है।

मंत्री यादव ने कहा कि उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय इस वर्ष से कृषि संकाय अंतर्गत बीएससी (ऑनर्स) एग्रीकल्चर, बीएमसी (ऑनर्स) हॉर्टिकल्चर, बीएससी (ऑनर्स) फॉरेस्ट्री, एमएससी एग्रीकल्चर, एमएससी हॉर्टिकल्चर और एमएससी फॉरेस्ट्री के पाठ्यक्रम प्रारंभ कर रहा है। इससे संबंधित अध्यादेश परिनियम राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में समन्वय समिति ने पारित किए हैं। इन प्रावधानों को सभी परंपरागत विश्वविद्यालयों में समान रूप से लागू किया जाएगा।

मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अब पारंपरिक विश्वविद्यालय अपने यहाँ कृषि, हॉर्टिकल्चर से संबंधित पाठ्यक्रमम प्रारंभ कर सकते हैं। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय एवं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में भी कृषि से संबंधित पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 117 शासकीय महाविद्यालयों में रोजगारमूलक 459 डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम मंजूर किए गए हैं। विद्यार्थियों को रोजगार मूलक शिक्षा प्रदान करने के मकसद से अलग-अलग विषयों में अतिरिक्त सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स प्रारंभ किए जा रहे हैं।

(आईएएनएस)

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