नोएडा प्राधिकरण ने उत्तराखंड पब्लिक स्कूल की सीलबंदी हटाई, प्रबंधन ने जमा किए 4.19 करोड़

उत्तरप्रदेश नोएडा प्राधिकरण ने उत्तराखंड पब्लिक स्कूल की सीलबंदी हटाई, प्रबंधन ने जमा किए 4.19 करोड़

Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-04 05:00 GMT
नोएडा प्राधिकरण ने उत्तराखंड पब्लिक स्कूल की सीलबंदी हटाई, प्रबंधन ने जमा किए 4.19 करोड़
हाईलाइट
  • अभिभावकों ने राहत की सांस ली

डिजिटल डेस्क, नोएडा। सेक्टर 56 स्थित उत्तराखंड पब्लिक स्कूल के प्रबंधन ने अपने ट्रस्ट उत्तराखंड जन कल्याण परिषद द्वारा करीब 4.19 करोड़ रुपए नोएडा प्राधिकरण में जमा कर दिए हैं। प्राधिकरण की सीईओ के आदेश के बाद बुधवार शाम प्राधिकरण की टीम ने स्कूल की सीलबंदी हटा दी। साथ ही स्कूल प्रबंधन को हिदायत दी कि वह बकाया राशि अगले छह माह के भीतर जमा करे।

स्कूल सील हो जाने के बाद 25 अप्रैल से सभी विद्यार्थियों की पढ़ाई बंद हो गई थी। स्कूल ने ऑनलाइन कक्षाएं लगाई थीं, लेकिन कुछ बच्चे ऑनलाइन क्लास नहीं कर पा रहे थे। हालांकि अब भी अभिभावकों के मन में शक है कि प्रबंधन बाकी के पैसे जमा करेगा या नहीं।

प्राधिकरण की ओएसडी वंदना त्रिपाठी ने बताया कि 3 सितंबर 2020 को भूमि का आवंटन निरस्त किया गया था। उस समय तक 15.49 करोड़ रुपए बकाया थे। बकाये की गणना वर्तमान समय तक की जाएगी। इसलिए फाइल को अकाउंट सेक्शन में भेजा गया है। मांग के अनुसार, मैनेजमेंट को छह महीने में दो किस्तों में पैसा जमा करना होगा। इसकी पहली किस्त अगस्त में और दूसरी किस्त नवंबर में देनी होगी। एक भी किस्त जमा नहीं करने पर स्कूल को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सेक्टर-56 के ई-1ए के भूखंड पर स्कूल का निर्माण किया गया है। भूखंड का आवंटन उत्तराखंड जन कल्याण परिषद के नाम से 1991 का है। 1992 में कब्जा लिया गया। इस दौरान 20 प्रतिशत पैसा जमा किया गया। 80 प्रतिशत के लिए किस्त बनाई गई। लेकिन एक बार भी पैसा जमा नहीं किया गया।

उन्होंने बताया कि इससे पहले 14 मार्च 2023 और 6 अप्रैल 2023 को भी कब्जा वापस करने के लिए पत्र दिए गए, लेकिन कब्जा वापस नहीं किया गया। 21 अप्रैल 2023 को कब्जा वापस करने के लिए नोटिस जारी कर तीन दिन का समय दिया गया। जिसके बाद 24 अप्रैल को प्राधिकरण ने स्कूल को सील किया था।

इसमें करीब 1500 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। हाल ही में नए स्टूडेंट के दाखिले भी यहां हुए हैं। अभिभावकों का आरोप था कि स्कूल प्रबंधन और प्राधिकरण दोनों ने ही उन्हें अंधेरे में रखा। बिना जानकारी दिए ही स्कूल को सील कर दिया। फिलहाल स्कूल खोलने के आदेश के बाद अभिभावकों ने राहत की सांस ली है।

 

आईएएनएस

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