स्कूल सिलेबस में मीडिया साक्षरता को किया जाए शामिल: प्रो० के० जी० सुरेश
उत्तरप्रदेश स्कूल सिलेबस में मीडिया साक्षरता को किया जाए शामिल: प्रो० के० जी० सुरेश
- मीडिया शिक्षा और मीडिया साक्षरता में फर्क
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। बीएचयू के पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग में शब्द संवाद के तहत मीडिया साक्षरता पर एकदिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गयी। जिसके मुख्य वक्ता माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० के जी० सुरेश ने कहा मीडिया शिक्षा और मीडिया साक्षरता में फर्क है।
कुलपति प्रो० के जी० सुरेश ने आगे कहा कि मोबाइल आजकल भगवान बन गया है। हर किसी के हाथ में मोबाइल है। जिससे बिना सोर्स के अबाध सूचनाओं का प्रवाह हो रहा है इस कारण मिस- इनफार्मेशन और डिस-इनफार्मेशन बढ़ रही हैं। मिश-इनफार्मेशन के कारण ही कोरोना काल में बचाव के लिए गलत सावधानियां एवं बस-ट्रेन चलने की सूचनाएं बतायी गयीं।
कुलपति प्रो सुरेश ने शब्द संवाद के तहत कहा डिस-इनफार्मेशन से यूपीआई फ्राड एवं साइबर बुलिंग की जा रही है। यही कारण है कि यूनेस्को ने इसे इनफोडेमिक का नाम दिया है। हमें इस संबंध में स्कूल व विश्विद्यालय कोर्स में मीडिया साक्षरता को शामिल करने की आवश्यकता है। हम राष्ट्रीय मीडिया साक्षरता मिशन भी क्रियान्वित कर रहे हैं। कार्यक्रम का प्रारंभ दो विद्यार्थियों के कुलगीत पर बांसुरी वादन से हुआ। विभागाध्यक्ष डाॅ शोभना नर्लिकर ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया एवं डाॅक्टर ज्ञान प्रकाश मिश्रा ने विषय पर प्रकाश डालते हुए सनातन चिंतन के साथ मीडिया अध्ययन को आज की आवश्यकता बताया। धन्यवाद ज्ञापन डाॅ धीरेन्द्र राय एवं कार्यक्रम का संचालन डाॅ बाला लखेंद्र ने किया। इस अवसर पर डाॅ निधि, डाॅ अमिता, डाॅ स्वर्ण सुमन और सभी कोर्सेज के विद्यार्थी उपस्थित रहे।