छात्र संघ ने लगाया अंबेडकर, ज्योतिबा, सावित्रीबाई फुले की तस्वीरें तोड़ने का आरोप
जेएनयू छात्र संघ ने लगाया अंबेडकर, ज्योतिबा, सावित्रीबाई फुले की तस्वीरें तोड़ने का आरोप
- एबीवीपी जेएनयू अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा कि वामपंथियों का चरित्र ही अराजक है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में लेफ्ट और राइट विंग समर्थित छात्रों के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। लेफ्ट विंग के छात्रों ने अब एबीवीपी पर महापुरुषों के चित्रों का अपमान करने का आरोप लगाया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष आईसी घोष के मुताबिक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों ने पेरियार, शहीद भगत सिंह, बाबा साहेब अम्बेडकर, कार्ल मार्क्स, ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले और कई अन्य आइकन के चित्रों को तोड़ दिया है।
उन्होंने बताया कि यह तस्वीरें स्टूडेंट यूनियन कार्यालय के अंदर लगी थीं। आईसी घोष ने आरोप लगाया कि छात्र संघ कार्यालय की दीवारों को भी एबीवीपी ने नुकसान पहुंचाया है। इस दौरान कई छात्रों के घायल होने की बात भी कही जा रही है। जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष का कहना है कि एबीवीपी को पता होना चाहिए कि जेएनयू हिंसा का स्थान नहीं है। एबीवीपी कैंपस के अंदर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्र संघ कार्यालय में तोड़फोड़ और छात्र समुदाय पर हिंसा की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
इससे पहले यह रविवार शाम भी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और लेफ्ट छात्र संगठनों के बीच झड़प हुई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर जेएनयू के छात्रसंघ कार्यालय में एक पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसके बाद उस चित्र को कार्यालय में ही लगे अन्य चित्रों के साथ लगा दिया गया। थोड़ी देर बाद वामपंथी छात्र संगठनों के लोगों ने वहां पहुंचकर शिवाजी की फोटो और फूलमाला उठाकर कचरे में फेक दिया। जब विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने दोबारा दीवार पर फोटो लगाने का प्रयास किया तो उनके साथ लेफ्ट छात्र संगठनों से जुड़े लोगों ने मारपीट की।
वहीं, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ का कहना है कि एबीवीपी ने एक बार फिर छात्रों पर हमला किया है। यहां विश्वविद्यालय परिसर में आईआईटी बॉम्बे के छात्र दर्शन सोलंकी की याद में और उनके पिता के आह्वान पर कैंडल लाइट मार्च किया गया था। इसके तुरंत बाद विश्वविद्यालय के छात्रों पर हमला किया गया। छात्र संघ का कहना है कि आईआईटी बॉम्बे के छात्र दर्शन सोलंकी की जातिवादी माहौल द्वारा संस्थागत रूप से हत्या कर दी गई थी। जातिगत भेदभाव के खिलाफ आंदोलन को पटरी से उतारने के लिए एबीवीपी ने एक बार फिर ऐसा किया है।
वहीं इस झड़प पर एबीवीपी का कहना है कि छात्रसंघ कार्यालय में पहले से ही विदेशी लेनिन, कार्ल मार्क्स और कई भारतीय विचार विरोधियों के चित्र सालों पहले से लगे हैं लेकिन जैसे पिछले साल महाराणा प्रताप और अब शिवाजी का फोटो लगाया गया, यह वामपंथी संगठनों को रास नहीं आया और उन्होंने हिंसक विरोध किया।
एबीवीपी जेएनयू अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा कि वामपंथियों का चरित्र ही अराजक है वह अपने अलावा किसी और को सहन नहीं कर सकता जैसे ही जेएनयू में शिवाजी और महाराणा प्रताप के विचारों पर बात हुई ये लोग सहन नहीं कर पाए और हमेशा की तरह हमला करने पर उतारू हो गए। अभाविप जेएनयू का कहना है कि वह जेएनयू में भारतीय महापुरुषों को विचारों के प्रसार तथा उनके सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है।
जीसीबी
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