अफगान छात्र चाहते हैं पीएचडी में दाखिला, प्रशासन ने कहा-पहले भारतीयों को......

जेएनयू अफगान छात्र चाहते हैं पीएचडी में दाखिला, प्रशासन ने कहा-पहले भारतीयों को......

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-24 16:30 GMT
अफगान छात्र चाहते हैं पीएचडी में दाखिला, प्रशासन ने कहा-पहले भारतीयों को......

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन से पीएचडी पाठ्यक्रमों में अफगान नागरिकों के लिए अतिरिक्त सीटें आवंटित करने की अपील की गई है। इस वर्ष कई अफगान छात्रों ने जेएनयू से पीजी की है। इन छात्रों का कहना है कि अफगानिस्तान की मौजूदा परिस्थितियों के कारण वे वहां लौट नहीं पा रहे हैं। अब इन अफगानी छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपने लिए पीएचडी में दाखिले की प्रक्रिया को आसान बनाने का आग्रह किया है।

रविवार को जेएनयू में प्रवेश प्रक्रिया के निदेशक ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय हर साल विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। शैक्षणिक कार्यक्रम और प्रवेश नीति यूजीसी के दिशानिर्देशों और सरकार के अनुसार तैयार की जाती है। विभिन्न श्रेणियों के लिए सीटों के आरक्षण से संबंधित भारत के नियम हैं और इसके आधार पर सामान्य श्रेणी, अनुसूचित जाति वर्ग, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, पीडब्ल्यूडी और विदेशी नागरिकों के लिए मेरिट सूचियां तैयार की जाती हैं।

फिलहाल भारत में रह रहे अफगानिस्तान के छात्र शाहदाब के मुताबिक, अफगानी छात्र अपने जीवन में एक असाधारण संकट से गुजर रहे हैं। विश्वविद्यालय को उनकी दुर्दशा के प्रति सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण रखना चाहिए और उनकी मदद के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।

वहीं जेएनयू विश्वविद्यालय की प्रवेश नीति के अनुसार सशस्त्र बलों के शहीदों के बच्चों के लिए जेएनयू 5 फीसदी अतिरिक्त सीटें आवंटित करता है। ये अतिरिक्त सीटें यूजी, पीजी, अंशकालिक कार्यक्रमों के लिए निर्धारित की गई हैं, लेकिन बी.टेक., एम.एससी. (बायोटेक्नोलॉजी), एम.एससी. (कम्प्यूटेशनल और इंटीग्रेटिव साइंसेज), एमबीए और पीएचडी में आरक्षण नहीं है। जेएनयू के प्रवेश निदेशक ने कहा कि पीएचडी के लिए विदेशी छात्रों का प्रवेश यूजीसी 2016 के अनुपालन में किया जाता है। पीएचडी में विदेशी छात्रों को दाखिले की पेशकश तभी की जाती है, जब भारतीय छात्रों को पेशकश के बाद किसी विषय में सीटें खाली छोड़ दी जाती हैं।

(आईएएनएस)

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