जामिया का प्रोजेक्ट श्रीमती यूएसए के इनेक्टस ग्लोबल रेस टू क्लाइमेट एक्शन में चयनित
नई दिल्ली जामिया का प्रोजेक्ट श्रीमती यूएसए के इनेक्टस ग्लोबल रेस टू क्लाइमेट एक्शन में चयनित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इनेक्टस के प्रोजेक्ट श्रीमती ने इनेक्टस ग्लोबल रेस टू क्लाइमेट एक्शन के शीर्ष 5 में स्थान हासिल किया है। इसके तहत मासिक धर्म स्वास्थ्य, स्वच्छता व पर्यावरण सहयोगी सैनिटरी पैड पर जोर दिया गया है। यह जलवायु संकट से निपटने वाली इनेक्टस टीमों और उनकी परियोजनाओं को पहचान कर संगठित करता है। जामिया की टीम अब इस साल के अंत में अमेरिका के प्यूटरे रिको में होने वाले इनेक्टस विश्व कप में जामिया का प्रतिनिधित्व करेगी। इस दौरान जामिया की यह टीम दुनिया भर से चुने गए अन्य चार फाइनलिस्ट के साथ कंपीट करेगी।
इनेक्टस जामिया की प्रमुख परियोजनाओं में से एक प्रोजेक्ट श्रीमती मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता प्रसार करते हुए पर्यावरण के अनुकूल और रीयूजेबल सैनिटरी पैड बनाने का लक्ष्य रखती है। इसका उद्देश्य नई दिल्ली में श्रम विहार क्षेत्र की वंचित महिलाओं को स्थिर रोजगार और आय प्रदान करना है, जिससे उन्हें आत्मनिर्भरता और वित्तीय स्वतंत्रता का अवसर मिल सके।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया प्रशासन के मुताबिक प्रोजेक्ट श्रीमती के माध्यम से, एनेक्टस जामिया ने 500 महिलाओं और लड़कियों को रीयूजेबल श्रीमती पैड का उपयोग करने के लिए सफलतापूर्वक प्रेरित किया है। इस तरह 10,500 प्लास्टिक पैड की रिप्लेसिंग से 0.22 मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम किया है।
इंट्यूट द्वारा प्रायोजित, द रेस फॉर क्लाइमेट एक्शन एक प्रतियोगिता है जिसका उद्देश्य इनेक्टस टीमों की पहचान करना और उन्हें संगठित करना है जो जलवायु संकट को दूर करने के लिए काम करती हैं। इनेक्टस के पूर्व छात्रों, प्रायोजक और विषय विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र निर्णायक पैनल ने 90 प्रविष्टियों और 16 देशों से शीर्ष 5 फाइनलिस्टों को चुना है। अपने संबंधित प्रोजेक्ट स्केलिंग के लिए, विजेता टीमों को 30,000 अमेरीकी डालर का फंड प्राप्त होगा।
जामिया ने आईएएनएस को बताृा कि इनेक्टस एक गैर-लाभकारी संगठन है जो वंचितों के जीवन गुणवत्ता और जीवन स्तर में सुधार के लिए काम करता है। इनेक्टस के लक्ष्यों और जामिया के मूल्यों से प्रेरित, इनेक्टस जामिया ने विभिन्न व्यवसाय-उन्मुख और पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं के माध्यम से, 2015 में अपनी स्थापना के बाद से वंचित लोगों के जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने के अपने मिशन को पूरा किया है।
सोर्स- आईएएनएस
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