डीयू : स्थाई नियुक्ति में तदर्थ शिक्षकों के विस्थापन का विरोध

नई दिल्ली डीयू : स्थाई नियुक्ति में तदर्थ शिक्षकों के विस्थापन का विरोध

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-25 09:00 GMT
डीयू : स्थाई नियुक्ति में तदर्थ शिक्षकों के विस्थापन का विरोध
हाईलाइट
  • स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया में गति लाई जाए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के कई शिक्षक, विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं। यह विरोध तदर्थ शिक्षकों के समर्थन में शुरू किया गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के आह्वान पर श्रीअरबिंदो कॉलेज की स्टाफ एसोसिएशन ने प्रिंसिपल ऑफिस के सामने धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया। इस दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय में चल रही नियुक्तियों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों के विस्थापन का तीखा विरोध किया गया। शिक्षकों ने लगभग दो घंटे नारेबाजी की और विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की कि लंबे समय से कार्यरत एडहॉक शिक्षकों को स्थाई नियुक्तियों के समय बाहर न निकालें।

शिक्षकों का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों का विस्थापन अमानवीय तरीके से किया जा रहा है। काफी लंबे समय से अध्यापन कार्य कर रहे तदर्थ शिक्षकों को इंटरव्यू के नाम पर हो रहे षड्यंत्र को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। शिक्षकों ने कॉलेजों के विभागों में खाली जगहों पर तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को भी दोहराया है और कहा है कि स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया में गति लाई जाए।

श्री अरबिंदो कॉलेज की एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार सिंह ने हाल में कक्षा, ट्यूटोरियल और प्रायोगिक कार्य के आकार की संख्या बढ़ाने और शिक्षकों को कॉलेज में एक सप्ताह में 40 घंटे व्यतीत करने संबंधी अधिसूचना पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन बिना शिक्षक समुदाय को विश्वास में लिए मनमाने तरीके से निर्णय ले रहा है जिसका शिक्षक जोरदार विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को इस निर्णय को तुरन्त वापस लेना चाहिए।

विरोध कर रहे शिक्षकों ने बताया है कि विश्वविद्यालय कॉलेजों में आरक्षित वर्गों के शिक्षकों की बड़ी संख्या होनी चाहिए, लेकिन बहुत से कॉलेज प्रिंसिपलों ने ओबीसी कोटे की सेकेंड ट्रांच (दूसरा विस्तार) की सीटों को भरने के लिए रोस्टर रजिस्टर तैयार नहीं कराया है। इसी तरह से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस कोटे) के शिक्षक कार्यरत हैं लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने इन वर्गों के शिक्षकों की सीटें जारी नहीं है। उन्होंने सरकार से ईडब्ल्यूएस कोटे की सीटें तुरंत जारी करने की मांग की है। उनका कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के आरक्षण को लागू करने के कारण सामान्य वर्गों के शिक्षक ईडब्ल्यूएस सीट के कारण बाहर हो रहे है। उन्होंने ईडब्ल्यूएस शिक्षकों के पदों को जारी कराने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को हस्तक्षेप करना चाहिए।

डॉ. विनय सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार के कॉलेजों की गवनिर्ंग बॉडी भले ही समाप्त हो गई हो लेकिन हम अल्पकालिक प्रबंध समिति के माध्यम से जल्द से जल्द पदों के विज्ञापन निकलवाकर स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करायेंगे। उन्होंने अरविंदो कॉलेज के सभी एडहॉक शिक्षकों को आश्वासन दिया है कि वे अपने कॉलेज से किसी भी टीचर्स को बाहर नहीं होने देंगे और विश्वविद्यालय ने वर्कलोड कम किया है व कॉलेजों में बैठने का समय बढ़ाया है उसका विरोध डूटा के साथ मिलकर करेंगे।

 

 (आईएएनएस)

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