दिल्ली विश्वविद्यालय में होगी नई शिक्षा नीति के तहत नए कोर्सेस की शुरुआत, रोजगार परक शिक्षा प्रदान करने की तैयारी

Delhi University दिल्ली विश्वविद्यालय में होगी नई शिक्षा नीति के तहत नए कोर्सेस की शुरुआत, रोजगार परक शिक्षा प्रदान करने की तैयारी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-27 10:00 GMT
दिल्ली विश्वविद्यालय में होगी नई शिक्षा नीति के तहत नए कोर्सेस की शुरुआत, रोजगार परक शिक्षा प्रदान करने की तैयारी
हाईलाइट
  • दिल्ली विश्वविद्यालय: एनईपी के तहत कॉलेजो में रोजगारपरक कोर्सेस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत विभिन्न कॉलेजों में नए कोर्सेस शुरू किए जाएंगे। खासतौर पर इन कॉलेजो में नए वोकेशनल कोर्स शुरू किए जा सकते हैं। वर्तमान में भी डीयू के कई कॉलेजों में वोकेशनल कोर्स संचालित हो रहे हैं। आने वाले दिनों में कई अन्य कॉलेज भी अपने यहां रोजगारपरक वोकेशनल कोर्सेस शुरू करेंगे।

दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता ने बताया कि नई शिक्षा नीति रोजगार परक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में विशेष मददगार साबित होगी। दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेज विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों को पालन करते हुए अपने यहां नए वोकेशनल कोर्स के तहत डिप्लोमा, सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू कर सकते हैं।

गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों ने वोकेशनल कोर्स शुरू करने की इच्छा जाहिर की है, इसके लिए इन कॉलेजों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से संपर्क किया है, अधिकांश कॉलेज इन वोकेशनल कोर्सेज में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम के पक्षधर हैं।

वोकेशनल कोर्सेस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लनिर्ंग आदि पाठ्यक्रम का प्रावधान है। यह कोर्स बाजार की आवश्यकता के अनुरूप डिजाइन किए गए हैं। डीयू में वोकेशनल कोर्स काफी लोकप्रिय हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ऊंची कटऑफ के बाद भी इनकी सीटें भर जाती हैं।

वहीं महाश्वेता देवी की लघुकथा द्रौपदी को दिल्ली विश्वविद्यालय के बीए इंग्लिश ऑनर्स के सिलेबस से हटा दिया गया है। अकादमिक परिषद के कई सदस्यों ने बीए (ऑनर्स) के पाठ्यक्रम में इस बदलाव पर असहमति जताई है। हालांकि दिल्ली विश्वविद्यालय इस विषय पर किसी भी विवाद को सही मानता।

वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय ने बी ए अंग्रेजी ऑनर्स के पाठ्यक्रम से महाश्वेता देवी और दो तमिल लेखिका बामा फॉस्टिना सूसाईराज और सुकीरथरानी के अध्याय हटा दिए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के इस फैसले पर अब विवाद होने लगा है। डूटा भी दिल्ली विश्वविद्यालय के इस फैसले की मुखालफत कर रहा है।

वहीं अकादमिक काउंसिल के कई सदस्य अपना विरोध दर्ज कराने के बाद अब इस विषय पर मुखर हो गए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक काउंसिल की मीटिंग में भी इन फैसले को मंजूरी दे दी गई है। दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता ने इस पूरे विवाद को गैर वाजिब करार दिया है। उन्होंने इस विषय पर कहा कि सिलेबस में बदलाव की यह पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक तरीके से की गई है। बदलाव की प्रक्रिया में सभी संबंधित धारकों को शामिल किया गया।

(आईएएनएस)

Tags:    

Similar News