दिल्ली विश्वविद्यालय: वाइस चांसलर से कॉलेजों में एडहॉक शिक्षकों को नियुक्ति करने की मांग
नई दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय: वाइस चांसलर से कॉलेजों में एडहॉक शिक्षकों को नियुक्ति करने की मांग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिक्षक संगठनों ने दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश कुमार सिंह को पत्र लिखकर कॉलेजों में एडहॉक शिक्षकों की नियुक्ति शुरू करने की मांग की है। इससे पहले 18 मई 2022 को डीयू के असिस्टेंट रजिस्ट्रार ( कॉलेजिज ) द्वारा जारी सकरुलर में कॉलेजों के प्रिंसिपल व गवनिर्ंग बॉडी के चेयरपर्सन को निर्देश दिए गए थे कि जिन कॉलेजों में स्थायी ( रेगुलर ) प्रिंसिपल नहीं है। वहां पर एडहॉक टीचर्स की नियुक्ति न की जाए। शिक्षक संगठन अब शैक्षिक व गैर-शैक्षिक पदों की भर्तियों पर लगी इस रोक को वापिस लेने की मांग कर रहे हैं।
शिक्षकों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन कॉलेजों को एडहॉक शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति करने के निर्देश दें, ताकि 26 अगस्त 2022 से शुरू हो रही सेकेंड ईयर की कक्षाएं प्रभावित न हो। उन्होंने पत्र में लिखा है कि इसी शैक्षिक सत्र 2022-23 से दिल्ली विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति लागू हो रही है, संभावना है कि सितम्बर में प्रथम वर्ष (फस्र्ट ईयर) के एडमिशन की प्रक्रिया पूरी होकर इनकी कक्षाएं भी अक्टूबर से शुरू हो सकती हैं, इसलिए शिक्षकों का वर्कलोड बढ़ेगा।
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए ) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि असिस्टेंट रजिस्ट्रार द्वारा यह सकरुलर उन कॉलेजों को भेजा गया है, जिन कॉलेजों में ऑफिशिएटिंग या एक्टिंग प्रिंसिपल काम कर रहे हैं। इन कॉलेजों में स्थायी प्रिंसिपल की नियुक्ति न होने तक शिक्षकों व कर्मचारियों की कॉन्ट्रैक्ट, एडहॉक या रेगुलर आधार पर किसी तरह की कोई नियुक्ति नहीं होगी। ऑफिशिएटिंग प्रिंसिपल के अलावा यह सकरुलर गवनिर्ंग बॉडी के चेयरमैन को भेजा गया है।
उनका कहना है कि इस तरह के सकरुलर को भेजे जाने से बेरोजगार शोधार्थियों व एससी, एसटी, ओबीसी शिक्षकों में गहरा रोष व्याप्त है। पहले ही कॉलेज प्रिंसिपलों ने इन पदों को लंबे समय से नहीं भरा है। वाइस चांसलर को लिखे पत्र में बताया गया है कि डीयू से संबद्ध अधिकांश कॉलेजों ने ओबीसी कोटे के सेकेंड ट्रांच (ओबीसी एक्सपेंशन ) के पदों को नहीं भरा है जिसे शैक्षिक सत्र 2022-2023 शुरू होने से पहले भरा जाना है, यदि इन पदों को नहीं भरते हैं तो छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी।
डॉ. सुमन ने वीसी को लिखें पत्र में बताया है कि डीयू कॉलेजों में एक्टिंग प्रिंसिपल व ऑफिशिएटिंग प्रिंसिपल के समय कॉलेजों में शिक्षकों व कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति व पदोन्नति होती रही है। उन्हें वे सभी पावर दी गई है जो एक स्थायी प्रिंसिपल को मिली हुई है। इसलिए शिक्षकों कर्मचारियों की नियुक्तियों पर किसी तरह की रोक लगाना अव्यवहारिक है।
डीयू के दो दर्जन से अधिक कॉलेजों में प्रिंसिपल के पद खाली हैं, जिन कॉलेजों ने प्रिंसिपल पदों के विज्ञापन निकाले थे उनकी स्क्रीनिंग होकर उनके स्थायी प्रिंसिपल के लिए इंटरव्यू की तिथि निर्धारित हो रही है। इन कॉलेजों में श्री अरबिंदो कॉलेज, श्री अरबिंदो कॉलेज (सांध्य ) भगतसिंह कॉलेज, भीमराव अंबेडकर कॉलेज , महाराजा अग्रसेन कॉलेज शामिल हैं।
(आईएएनएस)
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