दिल्ली : कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज के प्रिंसिपल को बहाल करने पर हाईकोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली दिल्ली : कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज के प्रिंसिपल को बहाल करने पर हाईकोर्ट का नोटिस

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-22 17:00 GMT
दिल्ली : कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज के प्रिंसिपल को बहाल करने पर हाईकोर्ट का नोटिस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज के प्रिंसिपल को फिर से बहाल करने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी और कॉलेज को नोटिस जारी किया है। विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षकों के एक समूह का कहना है कि प्रिंसिपल को अवैध रूप से पुन बहाल किया गया था। कॉलेज की वर्तमान गवर्निग बॉडी के अध्यक्ष संगीत रागी हैं।

कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज के प्राचार्य डॉ. इंद्रजीत डागर की बहाली के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई है। शिक्षक संगठन सीवीएस टीचर्स एसोसिएशन के मुताबिक डॉ. इंद्रजीत डागर को जनवरी, 2022 में भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच छुट्टी पर भेज दिया गया था। हालांकि अभी यह आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं और इनकी जांच चल रही थी। कॉलेज की तत्कालीन गवर्निग बॉडी के अध्यक्ष डॉ. राजन चोपड़ा द्वारा एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया गया था, जिसमें हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश और प्रवर्तन निदेशालय के एक पूर्व निदेशक शामिल हैं।

टीचर्स एसोसिएशन के मुताबिक, कॉलेज की गवर्निग बॉडी के वर्तमान अध्यक्ष संगीत रागी ने फरवरी में अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया। प्राचार्य सहित कथित पुस्तकालय घोटाले के किसी भी अभियुक्त को चार्जशीट अभी तक नहीं दी गई है। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन ने चार्जशीट देने की जहमत नहीं उठाई और प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब करते रहे।

सीवीएस टीचर्स एसोसिएशन के मुताबिक, इस बीच प्राचार्य इंदर जीत डागर द्वारा की गई वित्तीय अनियमितताओं पर एक अन्य न्यायाधीश द्वारा एक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी, लेकिन अध्यक्ष ने उस रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के बजाय डागर को बहाल करने के लिए एक आपात बैठक बुलाई। शिक्षक अब इस मामले में सांठगांठ का आरोप लगा रहे हैं और चूंकि वीसी ने इस मामले में कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया तो एक शिक्षक ने राहत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अदालत में दोनों पक्षों को सुनने के बाद डीयू और चेयरमैन जीबी को नोटिस जारी किया है। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा और प्राचार्य को उनकी अवैध गतिविधियों के लिए दंडित किया जाएगा। शिक्षक बिना किसी देरी के जस्टिस गौड की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की भी मांग कर रहे हैं।

(आईएएनएस)

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