उच्च शिक्षा में सहयोग के लिए 63 देशों में राजदूतों से किया संपर्क
यूजीसी उच्च शिक्षा में सहयोग के लिए 63 देशों में राजदूतों से किया संपर्क
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ऐसे अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों का स्वागत करेगा, जो भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर छात्रों को विभिन्न पाठ्यक्रम उपलब्ध करा सकते हैं। इसकी पहल करते हुए यूजीसी ने विश्वभर के 63 देशों में भारतीय राजदूतों से संपर्क किया है। इनमें जापान, नीदरलैंड, रूस, दक्षिण कोरिया, इटली, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ताइवान, स्पेन, यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, थाईलैंड, यूएई, अर्जेटीना, ब्राजील, ग्रीस, साइप्रस, आइसलैंड, तुर्की आदि देश शामिल हैं।
यूजीसी ने अपने इस कदम के जरिए भारतीय राजदूतों की मदद से विदेशी विश्वविद्यालयों से अकादमिक सहयोग के लिए समर्थन मांगा है। यूजीसी का कहना है कि कई देशों में मौजूद भारतीय राजदूतों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हो रही हैं। इसके साथ ही यूजीसी ने अभी तक 529 विदेशी और 229 भारतीय विश्वविद्यालयों की भी पहचान की है। यूजीसी के मुताबिक, ये ऐसे विश्वविद्यालय हैं जो इस अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं शैक्षणिक आदान-प्रदान के लिए पात्रता रखते हैं।
यूजीसी का कहना है कि उनका उद्देश्य न केवल भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों को विदेशी शिक्षण संस्थानों के साथ सहयोग स्थापित करने में मदद करना है, बल्कि यूजीसी इन विदेशी विश्वविद्यालयों को भी इस बात के लिए प्रेरित करेगी कि वह अपने छात्रों को भारतीय संस्थानों में भेजें। गौरतलब है कि यूजीसी ड्यूल डिग्री प्रोग्राम को स्वीकृति दे चुका है। यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार के मुताबिक, यूजीसी की स्वीकृति मिलने के बाद अब भारतीय विश्वविद्यालय विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ ड्यूल डिग्री कार्यक्रम के लिए समझौते कर सकते हैं। ड्यूल डिग्री कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को विदेशी विश्वविद्यालय से 30 फीसदी क्रेडिट स्कोर प्राप्त करना होगा। ऑनलाइन एवं डिस्टेंस लर्निग के माध्यम से शिक्षा प्रदान कर रहे विश्वविद्यालय इसमें बदलाव के दायरे में नहीं आते हैं।
यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर जगदीश कुमार ने बताया कि नैक से जिस विश्वविद्यालय को 3.01 का स्कोर प्राप्त है और नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क के तहत शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शुमार संस्थान यह ड्यूल डिग्री कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं। यूजीसी के मुताॉबिक, दोहरी डिग्री कार्यक्रम शुरू करने के लिए शिक्षण संस्थानों को क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग और टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग नहीं स्थान पाने वाली यूनिवर्सिटी के साथ समझौता करना होगा।
यूजीसी द्वारा तय किए गए नियमों पर खरे उतरने वाले संस्थानों को अलग से कोई स्वीकृति लेने की आवश्यकता नहीं है। यह नियम ओपन एंड डिस्टेंस लर्निग यूनिवर्सिटी के कार्यक्रमों पर लागू नहीं हैं। नई नई शिक्षा नीति के अंतर्गत देशभर के छात्र एक साथ दो डिग्री कार्यक्रम पूरा कर सकते हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने इसके लिए नए प्रावधान तैयार किए हैं। यूजीसी द्वारा बनाए गए नियमों के अंतर्गत ही देशभर के विश्वविद्यालय अब छात्रों को एक साथ 2 डिग्री लेने की इजाजत देने देंगे।
यूजीसी द्वारा तय किए गए नियमों के मुताबिक, छात्र जिस विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हैं, उसी विश्वविद्यालय से अपनी पसंद का कोई और डिग्री पाठ्यक्रम भी साथ ही साथ पूरा कर सकते हैं। यदि छात्रों को किसी अन्य विश्वविद्यालय में अपनी पसंद का कोई और पाठ्यक्रम अच्छा लगता है तो ऐसी स्थिति में भी उन्हें उस पाठ्यक्रम में दाखिला लेने की अनुमति होगी।
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