एनसीईआरटी: अंग्रेजी के लिए मृदंग, उर्दू के लिए शहनाई और हिंदी की नई पाठ्यपुस्तक 'सारंगी'

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-05 16:11 GMT

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने कक्षा एक और दो की नई किताबें जारी तैयार की हैं। एनसीईआरटी की किताबों के नाम मृदंग, शहनाई और सारंगी हैं।

एनसीईआरटी के मुताबिक कक्षा एक और दो के नन्हे छात्र 'मृदंग' से अंग्रेजी, 'शहनाई' से उर्दू और 'सारंगी' पुस्तक से हिंदी पढ़ेंगे। इन कक्षाओं के लिए भाषा की पाठ्य पुस्तकों के यह नए नाम रखे गए हैं। एनसीईआरटी के मुताबिक नई पुस्तकें राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं। भाषा की किताबों के अलावा हिंदी में गणित की पाठ्यपुस्तक का नाम 'आनंदमय गणित' है। गणित की अंग्रेजी पाठ्य-पुस्तक का नाम 'जॉयफुल मैथमेटिक्स' है। इन पुस्तकों को स्वयं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जारी किया है।

शिक्षा मंत्री द्वारा जारी की गई एनसीईआरटी की यह पाठ्य पुस्तकें बुधवार से बाजार में उपलब्ध भी हो गई हैं। एनसीईआरटी के अनुसार, कक्षा 1 और 2 के लिए तैयार की गई इन पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में भी किया जा रहा है। क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होने के साथ-साथ एनसीईआरटी द्वारा डिजाइन की गई सभी पुस्तकें डिजिटली भी उपलब्ध होंगी। एनसीईआरटी कक्षा 1 व 2 की पुरानी किताबें 'गणित का जादू' हिंदी की पुरानी किताब का नाम 'रिमझिम' है व अंग्रेजी की किताब का नाम 'मैरीगोल्ड एवं रेनड्रॉप' था। कक्षा-1 की 'रिमझिम' में 23 अध्याय थे वहीं 'सारंगी' में 19 अध्याय हैं। इन्हें पांच हिस्सों परिवार, जीव-जगत, हमारा खानपान, त्योहार व मेले और हरी-भरी दुनिया में बांटा गया है।

इन किताब में छोटे बच्चों को पुरानी कविता कहानियों के माध्यम से दिखाने का प्रयास किया गया है। इसके अंतर्गत किताबों में 'चंदा मामा दूर के', 'मुर्गा बोला कुकडू कूं', 'वाह मेरे घोड़े की चाल' जैसी कविताएं है। वहीं, कक्षा-2 की हिंदी की पुरानी पाठ्यपुस्तक 'रिमझिम' में 15 अध्याय थे। नई पाठ्यपुस्तक 'सारंगी' में 26 अध्याय हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक एनसीईआरटी की 58वीं काउंसिल बैठक के दौरान भाषा व गणित की नई किताबें जारी की गई हैं। कक्षा 1 और 2 की पुस्तकें जारी होने के बाद अब प्राइमरी लेवल की सभी कक्षाओं के लिए नई पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी।

एनसीईआरटी के निदेशक डीपी सकलानी के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित फाउंडेशन लेवल के लिए कक्षाओं का पाठ्य सामग्री जारी करने का काम पूरा हो गया है।

गौरतलब है कि बीते दिनों शिक्षा मंत्रालय ने 3 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए खेल-आधारित शिक्षण-अध्‍यापन सामग्री 'जादुई पिटारा' लॉन्च की है। राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा के तहत विकसित 'जादुई पिटारा' 13 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। 'जादुई पिटारा' में यह सुनिश्चित किया गया है कि केवल किताबें ही नहीं, बल्कि सीखने और सिखाने के लिए अनगिनत संसाधनों का उपयोग किया जाना है। जैसे कि खिलौने, पहेलियां, कठपुतलियां, पोस्टर, फ्लैश कार्ड, वर्कशीट्स और आकर्षक किताबें, स्थानीय परिवेश, 'जादुई पिटारा' में ये सभी समाहित हैं।

‘जादुई पिटारा’ के अंतर्गत कक्षा 1 और 2 पर लागू (उम्र 6-8 साल) बच्चे खेलते, मजे करते हुए सीखेंगे। खासतौर पर 5 क्षेत्रों में सीखना और विकास शामिल होगा। इनमें शारीरिक विकास, सामाजिक-भावनात्मक नैतिक विकास, संज्ञानात्मक विकास, भाषा एवं साक्षरता विकास, सुरुचिपूर्ण एवं सांस्कृतिक विकास, सीखने की सकारात्मक आदतों को इस चरण में विकास के एक अन्य क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया है।

एनसीईआरटी कक्षा 12 तक सभी कक्षाओं के लिए नई पाठ्य-पुस्तकें तैयार कर रहा है। एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर यह नई पुस्तकें डिजाइन कर रहा है। फाउंडेशन स्तर की पुस्तकें तैयार भी हो चुकी हैं। बड़ी कक्षाओं के लिए भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर नई पुस्तकें तैयार की जा रही हैं। इन पुस्तकों पर अभी काम चल रहा है और इन पुस्तकों को आने में कुछ समय और लग सकता है।

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