चतुर्थ दीक्षांत समारोह संपन्न: मीडिया को आत्मावलोकन करने की आवश्यकता : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
- दादा माखनलाल की प्रेरणा से विश्वविद्यालय से प्रगति के पथ पर अग्रसर : कुलपति प्रो के.जी. सुरेश
- माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के नवीन परिसर का हुआ लोकार्पण
- पीएचडी व स्नातकोत्तर के लगभग साढ़े चार सौ विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की
डिजिटल डेस्क, भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के 50 एकड़ में बने नवीन परिसर का शुक्रवार को देश के उपराष्ट्रपति एवं विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने लोकार्पण किया इस अवसर पर माननीय उपराष्ट्रपति जी की धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़, जनसंपर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ल, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, स्थानीय विधायक पी.सी. शर्मा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.(डॉ.)के.जी. सुरेश, महापरिषद एवं विद्यापरिषद के सदस्य एवं कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी विशेष रूप से उपस्थित थे।
विश्वविद्यालय परिसर में मान. उपराष्ट्रपति एवं उनकी धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ ने वृक्षारोपण भी किया। नवीन परिसर के लोकार्पण एवं वृक्षारोपण के पश्चात गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में आयोजित चतुर्थ दीक्षांत समारोह में मान. उपराष्ट्रपति ने पीएचडी के 23 विद्यार्थियों सहित स्नातकोत्तर के लगभग साढ़े चार सौ विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं ।उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप गौरव करें कि भारतीय हैं और पत्रकारिता करते समय देशहित को सर्वोपरि रखें। देश के विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले पारंपरिक परिधान में एक जैसे वस्त्र पहने विद्यार्थियों को देखकर मान. उपराष्ट्रपति बहुत खुश हुए एवं प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इसमें उत्तर_ दक्षिण, पूर्व_पश्चिम की झलक है और वे यह देखकर अभिभूत हैं। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक जगत में ऐसा देखकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है और मैं इसे सदा याद रखूंगा। मीडिया को आत्मावलोकन करने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने में सबसे बड़ी भूमिका पत्रकारों की होती है । उन्होंने प्रेस को प्रहरी बताते हुए कहा कि उसके कंधों पर बड़ा भार है। मध्यप्रदेश में कृषि एवं अधोसंरचना के क्षेत्र में हुए अधूतपूर्व प्रगति पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए उन्होंने अपने उद्बोधन में जी_20, चंद्रयान-3 की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया और कहा कि इन कार्यों से पूरी दुनिया में भारत की प्रशंसा हो रही है । उन्होंने प्रेस को नकारात्मकता और सनसनी खेज खबरों से बचने और समाज एवं राष्ट्र के सकारात्मक पक्ष को उजागर करने का आवाहन किया।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के प्रतिवेदन को प्रस्तुत करते हुए कहा कि दद्दा माखनलाल चतुर्वेदी जी की प्रेरणा से विश्वविद्यालय प्रगति के पथ पर अग्रसर है। कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय लगातार नवाचार और पत्रकारिता के उच्च आदर्श ज्ञान और कौशल से युवाओं के जीवन को सफल बनाने और समाज की चुनौतियों का समाधान खोजने की मदद कर रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विश्वविद्यालय की विद्यार्थी दादा के आदर्शों और मूल्यों पर चलकर "कर्मवीर" समाचार पत्र की तरह निडर और सत्य के मार्ग पर चलकर समाज की उन्नति और देश के निर्माण में ईमानदारी,कड़ी मेहनत, नवाचारी, सकारात्मक और सृजनात्मक रहते हुए राष्ट्र को सर्वोपरी रखकर यशस्वी पत्रकार बनेंगे । दीक्षांत समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभाग अध्यक्ष, शिक्षकगण, अधिकारीगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।