उपलब्धि: एमसीयू देश के सर्वश्रेष्ठ राज्य संचालित बहु-विषयक विश्वविद्यालयों में 27 वें स्थान पर, कुलपति प्रो. सुरेश ने पूरी टीम को दिया श्रेय

  • सूची में स्थान पाने वाला प्रदेश से एकमात्र विश्वविद्यालय
  • सभी भारतीय विश्वविद्यालयों में 77वां स्थान
  • पश्चिम क्षेत्र में 15 वां स्थान

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-21 14:20 GMT

डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल ने अपनी उपलब्धि में एक और उपलब्धि जोड़ ली है। प्रमुख समाचार पत्रिका "द वीक" द्वारा भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों के नवीनतम सर्वेक्षण में, एमसीयू को राज्य संचालित बहु-विषयक विश्वविद्यालयों में "27 वां स्थान" दिया गया है। हंसा के सहयोग से किए गए शोध सर्वेक्षण में एमसीयू को भारत के 100 सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में "77 वें रैंक" पर सूचीबद्ध किया गया है। एशिया की पहली और भारत की सबसे बड़ी मीडिया यूनिवर्सिटी पश्चिम क्षेत्र के शीर्ष विश्वविद्यालयों में भी 15 वें स्थान पर है।

 

रैंकिंग का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने विश्वविद्यालय की निरंतर वृद्धि का श्रेय टीम वर्क को दिया और कहा कि ऐसी रैंकिंग संकाय, कर्मचारियों और छात्रों के मनोबल को बढ़ाने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि पिछले 4 वर्षों में विश्वविद्यालय भोपाल, रीवा और दतिया में तीन नए परिसरों में स्थानांतरित हो गया है। प्रो. सुरेश ने कहा एमसीयू राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाले देश के पहले विश्वविद्यालयों में से एक था। पिछले 3 वर्षों में विश्वविद्यालय को लगातार सर्वेक्षणों द्वारा शीर्ष मीडिया संस्थानों में स्थान दिया गया है, जिसमें इंडिया टुडे और ओपन पत्रिकाओं द्वारा शीर्ष 10 में शामिल किया गया है।

 

पत्रकारिता और जनसंचार के अलावा, विश्वविद्यालय कंप्यूटर विज्ञान, प्रबंधन और पुस्तकालय विज्ञान में यूजी, पीजी और पीएचडी पाठ्यक्रम भी संचालित करता है। जिसमें 1.5 लाख से अधिक छात्रों के साथ 1600 संबद्ध अध्ययन संस्थाओं का एक विशाल नेटवर्क है। विश्वविद्यालय ने हाल ही में भारत का नवीनतम सामुदायिक रेडियो स्टेशन "रेडियो कर्मवीर" लॉन्च किया था। कुलगुरु प्रो. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय जल्द ही नैक (NAAC) मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा मीडिया शिक्षा के अलावा हाल ही में विश्वविद्यालय ने सिनेमा अध्ययन और भारतीय भाषाओं के विभाग भी शुरू किए हैं।

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