एमसीयू: एनईपी को लागू और क्रियान्वित करने में एमसीयू सबसे अग्रणी : अशोक कड़ेल
- प्रौद्योगिकी एवं अनुवाद के पोस्टर का हुआ विमोचन
- नालंदा पुस्तकालय में "धर्मगंज सभागृह"
- कुलपति प्रो. सुरेश एवं कड़ेल ने किया लोकार्पण
डिजिटल डेस्क,भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के भाषा अध्ययन विभाग द्वारा "राष्ट्रीय शिक्षा नीति और भाषा" विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया । नालंदा पुस्तकालय के सभा कक्ष में आयोजित इस विशेष व्याख्यान की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रो. डॉ. के. जी. सुरेश ने की, वहीं मुख्य वक्ता के रुप में मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी के संचालक अशोक कड़ेल ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर भारतीय भाषा विभाग के रोजगार परख पाठ्यक्रम हिंदी भाषा, प्रौद्योगिकी एवं अनुवाद (ऑनर्स/रिसर्च) के पोस्टर का विमोचन एवं नालंदा पुस्तकालय के अंदर "धर्मगंज सभागृह" का लोकार्पण प्रोफेसर सुरेश एवं अशोक कड़ेल द्वारा किया गया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. सुरेश ने हिंदी भाषा, प्रौद्योगिकी एवं अनुवाद पाठ्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित है एवं कैरियर के दृष्टिकोण से बहुत ही अच्छा विषय है । प्रो. सुरेश ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को क्रांतिकारी नीति बताते हुए कहा कि हमारे विश्वविद्यालय ने इसे तीन वर्ष पूर्व ही अपना लिया था और आगामी नवीन वर्ष इसका चौथा वर्ष होगा । भाषा में गुणों बखान करते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय में भाषा प्रयोगशाला शुरु करने की बात कही। प्रोफेसर सुरेश ने कहा कि मातृभाषा का प्रभाव विद्यार्थी जीवन में दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों से आने वाले विद्यार्थियों की भाषा, बोलचाल,लिखावट में यह साफ दिखाई देता है, लेकिन भाषा प्रयोगशाला के माध्यम से इसे ठीक करने का प्रयास किया जाएगा । कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय में आगामी सत्रों से सिंधी एवं मराठी भाषा में पाठ्यक्रम शुरु करने की योजना है।
मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी के संचालक एवं मुख्य वक्ता अशोक कड़ेल ने कहा कि देश के बहुत कम विश्वविद्यालय हैं, जिन्होंने शुरुआत में ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपना लिया था, उसमें माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय सबसे अग्रणी है । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सबसे मुख्य चुनौती इसके क्रियान्वयन की थी, लेकिन इस चुनौती को स्वीकार करके इसे क्रियान्वित करने का काम एमसीयू ने बखूबी किया है । उन्होंने कहा कि राष्ट्र एवं समाज के निर्माण में शिक्षक की अहम भूमिका होती है, जिसकी राह एमसीयू ने सभी को दिखाई है। अशोक ने भाषा के माध्यम से भाव को व्यक्त करने की बात कहते हुए कहा कि भाषा जीवन में चेतना जगाती है। अशोक ने भाषा को संस्कृति का संवाहक बताया, साथ ही कहा कि भाषा अपनत्व पैदा करती है । मातृभाषा का उपार्जन परिवार में होने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि भावनाओं की बात भाषा से ही आती है। अशोक ने कहा कि भाषा तोड़ती नहीं, भाषा जोड़ती है। कड़ेल ने भाषा, कला, संस्कृति पर भी अपने विचार व्यक्त किए साथ ही हिन्दी ग्रंथ अकादमी द्वारा किए जा रहे कार्यों पर भी प्रकाश डाला । भारतीय भाषा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने आभार व्यक्त किया। व्याख्यान में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ. अविनाश वाजपेयी, राजभाषा अधिकारी डॉ. रामदीन त्यागी, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।