कला प्रदर्शनी: महिला सशक्तिकरण में कलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका : डॉ. सच्चिदानंद जोशी

  • वामिका कला प्रदर्शनी का हुआ भव्य शुभारंभ
  • कलाओं की महिला सशक्तिकरण में अहम भूमिका
  • महिलाओं को खुद को समझने और आगे बढ़ने में सहायक

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-12 13:43 GMT

डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। कला सोपान और ललित कला संस्थान बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय ,झांसी के संयुक्त तत्वावधान में वामिका द्वितीय राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का उद्घाटन आर्टिजन आर्ट गैलरी , नई दिल्ली में किया गया। प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ,नई दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि कलाएं महिला सशक्तिकरण में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

डॉ. जोशी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस कला प्रदर्शनी में महिलाओं के विविध रूपों को प्रदर्शित किया गया है। यह महिलाओं को खुद को समझने और आगे बढ़ने में सहायक हो सकती है। समारोह में रंगकर्मी और लेखिका मालविका जोशी विशेष रूप से उपस्थित रहीं।

 

समारोह के विशिष्ट अतिथि हिन्दी सलाहकार समिति नीति आयोग के सदस्य मनीष कुमार शुक्ल ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों को बढ़ावा देने की बहुत जरूरत है। यह महिलाओं को सोचने के लिए विषय देने के साथ ही कार्यात्मक विधि से भी सशक्त करने का प्रयास करेगा।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि मालविका जोशी ने कहा कि बंधन को तोड़कर निकलना ही होगा। कई बार यह हो सकता है कि बंधन को तोड़ने में हमारे पंख भी उखड़ जाएं लेकिन नए पंख आयेंगे और फिर से उड़ान भरेंगे। हमें हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए।

कला प्रदर्शनी की संयोजक डॉ. श्वेता पाण्डेय ने बताया कि इस वर्ष ललित कला संस्थान बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी उत्तर प्रदेश कला के क्षेत्र अग्रणी कार्य कर रही संस्था कला सोपान के साथ वामिका द्वितीय राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का आयोजन आर्टिजन आर्ट गैलरी नई दिल्ली में किया जा रहा है इस कला प्रदर्शनी में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों के साथ ही कई राज्यों के विद्यार्थी हिस्सा ले रहे हैं।

प्रदर्शनी के सह संयोजक गजेन्द्र सिंह ने बताया कि इस कला प्रदर्शनी में 40 से अधिक कलाकारों की 60 से अधिक कला कृतियों को प्रदर्शित किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी का विषय महिला आधारित रहा है।  गजेन्द्र सिंह ने बताया कि ललित कला संस्थान प्रति वर्ष विद्यार्थियों की कलात्मक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए प्रदर्शनी, कलात्मक कार्यशाला, कला भ्रमण का आयोजन करता रहा है।

इस कला प्रदर्शनी में शोधार्थी रेखा आर्य, रागिनी सोनी, माधवी निराला, नंदनी कुशवाहा, रौनक सिरोठिया, सिद्धार्थ नागिल, पंकज कुमार, अर्जुन अहिरवार, शशांक, अक्षय कुमार, अभिषेक बाथम, चंचल कुशवाहा, यश वर्मा, जयदीप अशोक, यश माहौर, साक्षी एवं अन्य उपस्थित रहे।

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