सप्त चक्र चिकित्सा एवं संकल्प पूर्ति: डॉक्यूमेंट्री में कैरियर की अपार संभावनाएं : कुलपति प्रो. सुरेश
- पत्रकारिता विवि में विशेष व्याख्यान एवं एफडीपी प्रोग्राम का आयोजन
- इंट्रोडक्शन टू एनीमेशन फिल्ममेकिंग
- आर्ट ऑफ डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकिंग क्रिएटीविटी अ विजुअल स्टोरी
डिजिटल डेस्क,भोपाल । माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के माखनपुरम परिसर में दो विशेष व्याख्यान एवं एमपी नगर स्थित नगर परिसर विकास भवन में "दिव्य शांभवी ऊर्जा द्वारा सप्त चक्र चिकित्सा एवं संकल्प पूर्ति" का आयोजन किया गया । "इंट्रोडक्शन टू एनीमेशन फिल्ममेकिंग" विषय पर एनिमेशन फिल्म मेकर ध्वनि देसाई ने व्याख्यान दिया, जबकि "आर्ट ऑफ डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकिंग क्रिएटीविटी अ विजुअल स्टोरी" विषय पर फिल्म मेकर एवं डॉक्यूमेंट्री प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईडीपीए) के अध्यक्ष संस्कार देसाई ने अपने विचार व्यक्त किए । कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.(डॉ.) के.जी.सुरेश ने की।
न्यू मीडिया टेक्नालॉजी विभाग में आयोजित विशेष व्याख्यान में एनिमेशन फिल्म मेकर ध्वनि देसाई ने कहा कि एनिमेशन में रचनात्मकता बहुत महत्वपूर्ण है । एनिमेशन का इतिहास बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें कैरियर की बहुत संभावनाएं हैं । व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो.डॉ. केजी सुरेश ने विद्यार्थियों से कहा कि हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने की ललक रखो । उन्होंने कहा कि जब तक आप इन्ट्रेस्ट नहीं लेंगे, तब तक आप सीख नहीं सकते । व्याख्यान का संयोजन एनएमटी की विभागाध्यक्ष एवं डीन अकादमिक डॉ.पी. शशिकला ने किया।
सिनेमा अध्ययन विभाग में "आर्ट ऑफ डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकिंग क्रिएटीविटी अ विजुअल स्टोरी" विषय पर फिल्म मेकर एवं डॉक्यूमेंट्री प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईडीपीए) के अध्यक्ष संस्कार देसाई ने फिल्म और डाक्यूमेंट्री की भाषा के बारे में बताया। वहीं उन्होंने डाक्यूमेंट्री के लिए सबसे जरुरी चीज रिसर्च को बताया । व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो.डॉ. के.जी. सुरेश ने वर्तमान समय में डाक्यमेंट्री के स्कोप पर बात की । उन्होंने कहा कि इसमें कैरियर की अपार संभावनाएं हैं । व्याख्यान का संयोजन सिनेमा अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पवित्र श्रीवास्तव ने किया।
नगर परिसर में आयोजित एफडीपी प्रोग्राम में कुलपति प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने कहा की जीवन में सकारात्मक विचारों की शक्ति हमको सफलता की ओर ले जाती है । अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा प्रायोजित अटल एफडीपी पर उन्होंने कहा कि सहज सरल रहकर हम अपने जीवन को आनंदमय बना सकते हैं । एफडीपी का समन्वय डॉ. चैतन्य अग्रवाल ने किया।
आयुष सलाहकार पैनल के सदस्य एवं आरोग्य भारती के राष्ट्रीय आयोजन सचिव मुख्य अतिथि डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय ने कहा कि हमको अपनी मिट्टी और ऋतु के अनुसार ही अन्न, फल और सब्जियां खाना चाहिए । गेस्ट ऑफ ऑनर पद्मश्री डॉ. कपिल तिवारी ने कहा कि चरक और संस्कृत संहिता में कहा गया है कि हमको 24 किलोमीटर के दायरे में ही अपनी काया चिकित्सा हेतु वनस्पति उपलब्ध है । एफडीपी के समन्वयक डॉ. चैतन्य अग्रवाल ने कहा कि स्पर्श चिकित्सा, संकल्प चिकित्सा या रेकी चिकित्सा को हम शांभवी शक्ति चिकित्सा के गौरव से पुनः समर्पित कर रहे हैं । संभावी अटूयनमेंट, न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग एनएलपी, सफल फायरवाक आदि विषय मुख्य आकर्षण रहे । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव गुप्ता विशेष रुप से उपस्थित थे ।