IIMC में IIS समापन समारोह: विकसित भारत 2047 मिशन में आईआईएस अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका : डॉ. मुरुगन
- लोकतंत्र को सशक्त बनाने में सही सूचनाओं का इस्तेमाल करें आईआईएस अधिकारी
- आईआईएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए बोले केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री
- आईआईएस ग्रुप 'ए' के वर्ष 2020, 2021 एवं 2022 बैच के अधिकारी शामिल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन ने कहा है कि 'विकसित भारत 2047' के संकल्प को पूरा करने में भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भमिका रहने वाली है। डॉ. मुरुगन मंगलवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) में भारतीय सूचना सेवा ग्रुप 'ए' के वर्ष 2020, 2021 एवं 2022 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों के प्रशिक्षण के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर एवं अपर महानिदेशक डॉ. निमिष रुस्तगी भी उपस्थित रहे।
समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री ने कहा कि बेहतर कम्युनिकेशन, सरकार और लोगों के बीच दूरी घटाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे लोगों में सरकार के प्रति विश्वास जगता है और निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी भागीदारी बढ़ती है।
उन्होंने कहा कि फेक न्यूज के युग में लोगों तक सही जानकारी पहुंचाना भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों की जिम्मेदारी है। सही सूचना के प्रयोग से आम आदमी किसी भी विषय पर सही निर्णय ले सकता है। इसलिए मीडिया और सोशल मीडिया के बदलते समय में सरकारी सूचना तंत्र के अधिकारियों को यह तय करना है कि जनता तक सही जानकारी पहुंचे।
प्रभावशाली कम्युनिकेशन के महत्व को रेखांकित करते हुए डॉ. मुरुगन ने कहा कि सूचना एक शक्ति की तरह है, जिसका इस्तेमाल भारत के हित में, लोकतंत्र को मजबूती देने और लोगों के सशक्तीकरण में करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि आप सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में आम जनता को उनकी भाषा में सूचित करते हैं, तो उसका प्रभाव बेहतर और लंबे वक्त तक रहता है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री ने कहा कि भारत की उपलब्धियों को जनता के सामने लाने में आप सभी की महत्वपूर्ण भूमिका है। सूचना तंत्र के माध्यम से लोगों तक भारत के विकास की कहानी पहुंचाना बेहद जरूरी है। भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि सूचनाओं को जांचने के आधुनिक तरीकों का प्रयोग करें और फेक नैरेटिव को फैलने से रोकें। इस अवसर पर डॉ. मुरुगन ने भारतीय जन संचार संस्थान में स्थापित इंक्यूबेशन सेंटर का उदघाटन भी किया एवं संस्थान के विद्यार्थियों से पत्रकारिता एवं जनसंचार से जुड़े विभिन्न विषयों पर संवाद भी किया।