यह घटना बुधवार तड़के करीब चार बजे हुई जब 42 वर्षीय शिक्षक संदीप को चोट लगने के बाद पुलिस कोट्टाराकरा राजकीय अस्पताल ले गई।
जल्द ही कथित तौर पर ड्रग एडिक्ट संदीप हिंसक हो गया और उसने अपना गुस्सा हाउस सर्जन वंदना दास पर उतारा। उसने सर्जिकल चाकू से वंदना पर छह वार किए। तिरुवनंतपुरम के एक प्रमुख अस्पताल में ले जाने के बाद भी उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। पहले उनके शव को पहले उस कॉलेज में रखा गया जहां वह पढ़ती थी। बुधवार देर रात शव को उनके घर लाया गया।
शोक मनाने के लिए पहुंचने वालों की लाइन लग गई, जिनमें से कई ने वंदना को देखा भी नहीं था और उनसे मुलाकात भी नहीं की थी। उसके माता-पिता की आंखों से आंसू बह रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज जब अंतिम विदाई देने पहुंचीं तो दृश्य और गमगीन हो गया।
वह वंदना के माता-पिता को सांत्वना देने आई थी लेकिन मां का विलाप सुनकर टूट गई। जॉर्ज को अपना संयम वापस पाने में कुछ समय लगा और वह अपने आंसू पोंछते हुए दिखाई दी।
ऐसा ही नजारा तब देखने को मिला जब दोस्तों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने उसके शव को चिता पर रखा। इससे पहले बुधवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी अस्पताल पहुंचे जहां वंदना का शव रखा गया था और उनके माता-पिता को सांत्वना देने की कोशिश की।
आईएएनएस
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